कोलकाता, 20 अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अमित मालवीय ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर पश्चिम बंगाल में ‘‘दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार’’ करने का आरोप लगाने के लिए मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी पर रविवार को निशाना साधा और मुर्शिदाबाद हिंसा को रोकने में कथित विफलता के कारण उनके इस्तीफे की मांग की।
मालवीय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री लगातार दावा कर रही हैं कि मुर्शिदाबाद हिंसा की साजिश बाहरी तत्वों ने रची थी लेकिन 11-12 अप्रैल को जिले के कुछ हिस्सों में हुए दंगों को लेकर राज्य पुलिस बल का बयान उनके दावों के विपरीत है।
बनर्जी ने शनिवार रात को एक खुले पत्र में आरोप लगाया था कि भाजपा और आरएसएस ने राज्य में ‘‘दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार’’ शुरू किया है। बजर्नी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए कहा था कि ‘‘ये ताकतें (भाजपा एवं आरएसएस) उकसावे पर हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पृष्ठभूमि का इस्तेमाल विभाजनकारी राजनीति करने के लिए कर रही हैं।’’
उन्होंने एक खुले पत्र में कहा था, ‘‘पश्चिम बंगाल में भाजपा और उसके सहयोगी अचानक बहुत आक्रामक हो गए हैं। इन सहयोगियों में संघ भी शामिल है। मैंने पहले संघ का नाम नहीं लिया था लेकिन अब मुझे उसका नाम लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इन सभी ने मिलकर राज्य में दुष्प्रचार अभियान शुरू किया है।’’
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के सह-प्रभारी मालवीय ने बनर्जी के आरोपों का पुरजोर खंडन करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में उनसे सभी नागरिकों की निष्पक्ष सेवा करने की अपेक्षा की जाती है लेकिन ममता बनर्जी ऐसा करने के बजाय अपने आधिकारिक ‘लेटरहेड’ का उपयोग कर अपने प्रशासन की विफलताओं के लिए मुख्य विपक्षी दल और एक गैर-राजनीतिक संगठन को दोषी ठहरा रही हैं। ऐसा तब किया जा रहा है, जब उनके अपने पुलिस बल ने उनके इस कथन को खारिज कर दिया है कि मुर्शिदाबाद में हिंदू विरोधी हिंसा बाहरी तत्वों ने भड़काई थी।’’
भाजपा आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख ने कहा, ‘‘हाल में उन्होंने एक वाक्य को दोहराना शुरू किया है: ‘मैंने पहले उनका नाम नहीं लिया, लेकिन अब ले रही हूं।’ विडंबना यह है कि उन्होंने कुछ ही दिनों पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधने के लिए भी इसी वाक्य का इस्तेमाल किया था और उन पर उन्होंने पहले भी बिना सबूत के आरोप लगाए हैं। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ भी इसी तरीके से लगातार, निराधार और राजनीति से प्रेरित आरोप लगा रही हैं।’’
भाजपा नेता ने बनर्जी के कार्यकाल के दौरान सालों पहले हुए खागरागढ़ विस्फोट का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘इस रणनीति का एक और सटीक उदाहरण खागरागढ़ आतंकी विस्फोट के दौरान था जिसमें जमात के सदस्य शामिल थे। उस समय एक तृणमूल नेता द्वारा किराए पर लिए गए घर में विस्फोट हुआ था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ममता बनर्जी ने अपने वोट बैंक को बचाने के लिए आरएसएस पर बिना किसी सबूत के आरोप लगा दिया था। ऐसा लगता है कि जब भी उनकी राजनीतिक स्थिति खतरे में होती है तभी वह हिंदू समुदाय को निशाना बनाने लगती हैं।’’
मालवीय ने मुख्यमंत्री पर विश्वसनीयता खोने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘इससे विश्वसनीयता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठता है: राज्य की मुख्यमंत्री और सीआईडी पर सीधे नजर रखने वाली राज्य की गृह मंत्री होने के नाते ममता बनर्जी से मुर्शिदाबाद हिंसा की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है, खासकर तब जब उनकी अपनी सरकार में राज्य के शीर्ष अधिकारियों का एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है?’’
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल पुलिस को रैलियों के बारे में पहले से जानकारी थी। फिर उन्हें पहले से क्यों नहीं रोका गया? क्या भीड़, हथियार और पत्थर अचानक से आ गए?’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बार-बार जनता को गुमराह किया है। जवाबदेही तय करने में बहुत देर हो गई है- ममता बनर्जी को पद छोड़ देना चाहिए।’’
मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई, कई अन्य लोग घायल हो गए और कई संपत्तियों में तोड़-फोड़ की गई।
भाषा सिम्मी रंजन
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