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Wednesday, 1 May, 2024
होमदेशअपराधट्रेन से लखनऊ आए थे कमलेश तिवारी के हत्यारे, घटना के बाद ट्रेन से ही भाग निकले: यूपी पुलिस

ट्रेन से लखनऊ आए थे कमलेश तिवारी के हत्यारे, घटना के बाद ट्रेन से ही भाग निकले: यूपी पुलिस

यूपी पुलिस के मुताबिक, आरोपियों की आखिरी लोकेशन हरदोई से मुरादाबाद होते हुए गाजियाबाद में मिली है. एसएसपी ने बताया कि हत्यारों को पकड़ने के लिए पुलिस की दस टीमें लगाई गई हैं.

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लखनऊ : हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या को लेकर नया खुलासा हुआ है. यूपी पुलिस का कहना है कि कमलेश की हत्या के आरोपी ट्रेन से लखनऊ आए थे. एसएसपी कलानिधि नैथानी ने मीडिया को बताया कि हत्यारों की पहचान हो गई है. दोनों हत्यारे चारबाग रेलवे स्टेशन से ही कमलेश के घर का पता पूछते हुए गणेशगंज पहुंचे और वारदात अंजाम देकर भाग निकले.

गाजियाबाद मिली आखिरी लोकेशन

बता दें कि सीसीटीवी फुटेज में भगवा पहने दो युवकों की देखा गया है, जिन्होंने हत्या को अंजाम दिया. यूपी पुलिस के मुताबिक, उनकी आखिरी लोकेशन हरदोई से मुरादाबाद होते हुए गाजियाबाद में मिली है. एसएसपी ने बताया कि हत्यारों को पकड़ने के लिए पुलिस की दस टीमें लगाई गई हैं. इसमें एएसपी क्राइम के नेतृत्व में एक टीम गुजरात भेजी गई है, जबकि सीओ हजरतगंज और सीओ गाजीपुर के नेतृत्व में दो टीमें भी दूसरे जिलों में हैं. शेष सात टीमें शहर में ही काम कर रही हैं.

एसएसपी ने बताया कि कमलेश की हत्या से पहले गुजरात से लखनऊ पहुंची ट्रेनों के यात्रियों बारे में भी पड़ताल शुरू की गई. पुलिस की एक टीम ने घटनास्थल के आस-पास लगे 25 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकलवाई, जिसमें हत्यारों के चेहरे साफ नजर आ गए. चेहरों से उनकी पहचान कर ली गई है. हत्यारे गणेशगंज होते हुए भागे. उनके रूट का पता लगाकर एक टीम रवाना की गई है. शुक्रवार देर रात दोनों की लोकेशन हरदोई में मिली थी. दोनों के मोबाइल बीच-बीच में बंद हो रहे थे या फिर संभवत: उनका नेटवर्क गायब हो रहा था, इसलिए पुलिस उन तक नहीं पहुंच पा रही थी. हरदोई के बाद उनकी लोकेशन बरेली, मुरादाबाद और शनिवार सुबह गाजियाबाद में मिली है.


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पुलिस को रविवार सुबह लखनऊ स्थित खालसा होटल से हमलावरों का भगवा कुर्ता और एक बैग मिला. वे सूरत से आकर इसी होटल में ठहरे थे. पुलिस के हाथ उनके पहचान पत्र भी लगे हैं. हत्या के आरोपी फरीद और अशफाक फरार हैं.

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पुलिस के मुताबिक, फरीद और अशफाक असली पहचान पत्र के जरिए 17 अक्टूबर से खालसा होटल में ठहरे थे. उन्होंने रात करीब 11 बजे एक कमरा लिया था. वे अगले दिन सुबह करीब साढ़े दस बजे निकल गए, फिर दोपहर एक बजकर बीस मिनट पर होटल लौटे और एक बजकर सैंतीस मिनट पर चले गए. होटल की अलमारी से बैग, लोअर और लाल-भगवा कुर्ता मिला. सभी कपड़ो और तौलियों पर खून के निशान मिले हैं.

गूगल से ढूंढ़ा था पता

पुलिस का ये भी मानना है कि हत्यारों ने गूगल से ही कमलेश के बारे में जानकारी लेकर संपर्क किया था. कमलेश तिवारी के घर का पता, उनके मोबाइल नंबर और कामकाज की जानकारी गूगल पर मौजूद है. गूगल मैप से उन्होंने कमलेश तिवारी के लखनऊ स्थित ठिकाने की लोकेशन और वहां तक पहुंचने के रास्तों की जानकारी ली. एसएसपी ने बताया कि हत्यारों का सुराग लगाने के लिए तीन मोबाइल नंबर खंगाले थे. इसमें से एक नंबर हत्या से एक दिन पहले 17 अक्टूबर गुरुवार को ही एक्टीवेट हुआ था. हत्यारों ने गुरुवार रात करीब साढ़े बारह बजे कमलेश को एक और नंबर से कॉल की थी. नंबर की पड़ताल करने पर वह कानपुर देहात के टैक्सी चालक का निकला.

पुलिस टीम उसके घर पहुंची तो पता चला कि वह ट्रेन में सफर करते हुए कानपुर देहात पहुंचा, जहां किसी यात्री ने इमरजेंसी कॉल करने के बहाने से उसका मोबाइल फोन लिया था. पुलिस ने उसे क्लीनचिट दे दी है. तीसरा मोबाइल नंबर भी किसी ऐसे ही व्यक्ति का निकला. पुलिस ने तीनों नंबर की गहराई से पड़ताल की, जिसमें 17 अक्टूबर को एक्टीवेट हुआ राजस्थान का नंबर पकड़ में आ गया.

सीसीटीवी फुटेज में दिख रही महिला को क्लीन चिट

सीसीटीवी फुटेज में हत्यारों के साथ दिख रही महिला की वारदात में कोई भूमिका नहीं पाई गई है. एसएसपी ने बताया कि महिला लखनऊ के मड़ियांव इलाके की रहने वाली है और गणेशगंज चौराहा पर कैंट उपचुनाव के लिए एक नेता के लिए प्रचार करने आई थी. पुलिस ने उसका पता लगाकर पूछताछ की, लेकिन उसकी संलिप्तता सामने नहीं आई. बता दें कि शनिवार को ही यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया था कि उत्तर प्रदेश और गुजरात पुलिस की एक टीम ने तीन व्यक्तियों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है.


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डीजीपी ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर बताया कि सूरत में मौलाना मोहसिन शेख सलीम (24), फैजान (21) व रशीद अहमद खुर्शीद अहमद पठान (23) को पकड़ा गया है. तीनों ने पूछताछ में कमलेश की हत्या की साजिश रचने की बात स्वीकार की है. सूरत स्थित एक साड़ी की दुकान में काम करने वाले मोहसिन शेख सलीम ने कमलेश की आपत्तिजनक टिप्पणी के वीडियो अपने साथियों को दिखाकर उन्हें कमलेश की हत्या के लिए उकसाया था और पेशे से दर्जी रशीद अहमद पठान के साथ मिलकर साजिश रची. कमलेश के हत्यारे जिस मिठाई के डिब्बे में चाकू व पिस्टल रखकर लाए थे, उसे सूरत स्थित दुकान से फैजान ने खरीदा था. दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में फैजान की तस्वीरें भी मिली हैं.

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