मुंबई, 24 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता किरीट सोमैया ने 2006 के मुंबई ट्रेन बम विस्फोट मामले में सभी 12 आरोपियों को बरी किए जाने के मुंबई उच्च न्याायलय के फैसले पर उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने का बृहस्पतिवार को स्वागत किया और कहा कि सभी आरोपियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय में मजबूती से मामला रखेगी और आरोपियों को सजा मिलेगी।
हालांकि उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाते हुए कहा कि 12 लोगों को वापस जेल भेजने का कोई सवाल नहीं उठता है और इस बात पर जोर दिया कि उच्च न्यायालय के फैसले को नजीर न माना जाए।
उच्च न्यायालय ने सोमवार को सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष मामले को साबित करने में पूरी तरह विफल रहा। उसने कहा कि ये ‘‘विश्वास करना कठिन है कि आरोपियों ने अपराध किया है।’’
महाराष्ट्र सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की।
भाजपा के पूर्व सांसद सोमैया ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं सभी आरोपियों को बरी करने के अदालत के फैसले पर उच्चतम न्यायालय की रोक का स्वागत करता हूं। सभी को फांसी होनी चाहिए। मुझे यकीन है कि महाराष्ट्र सरकार उच्चतम न्यायालय में अपना पक्ष मजबूती से रखेगी और सभी आरोपियों को फांसी की सजा मिलेगी।’’
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि इन सभी वर्षों में, लगातार सरकारों ने मजबूत मामला पेश करने की पूरी कोशिश की है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब उच्च न्यायालय के फैसले के बाद, मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार उच्चतम न्यायालय जाएगी और अच्छे अधिवक्ताओं को नियुक्त करके इस मामले को फिर से उठाएगी। आरोपियों को सजा मिलेगी।’’
महाराष्ट्र सरकार ने 2006 के मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में सभी 12 दोषियों को बरी करने के मुंबई उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। सरकार ने कहा है कि एक आरोपी से आरडीएक्स की बरामदगी को ‘‘बेहद तकनीकी आधार’’ पर खारिज कर दिया गया कि जब्त विस्फोटकों को ‘लाख सील’ (सीलिंग वैक्स) से सील नहीं किया गया था।
राज्य सरकार ने अपनी अपील में उच्च न्यायालय के बरी करने के आदेश पर कई गंभीर आपत्तियां जतायी हैं।
मुंबई की लोकल ट्रेन में विभिन्न स्थानों पर 11 जुलाई 2006 को हुए सात विस्फोटों में 180 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी थी।
भाषा यासिर शफीक
शफीक
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