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Monday, 21 July, 2025
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मुंबई ट्रेन विस्फोट : अदालत ने सभी 12 आरोपियों को बरी किया

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मुंबई, 21 जुलाई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने 11 जुलाई 2006 को हुए मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में सोमवार को 12 लोगों की दोषसिद्धि को रद्द करते हुए उन्हें बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ मामला साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है।

यह फैसला शहर के पश्चिमी रेलवे नेटवर्क को हिला देने वाले आतंकवादी हमले के 19 साल बाद आया है। इस हमले में 180 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य लोग घायल हुए थे।

न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की विशेष पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को दोषी ठहराने का निर्णय नहीं लिया जा सकता।

अदालत ने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ मामला साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है। यह विश्वास करना कठिन है कि आरोपियों ने यह अपराध किया है इसलिए उनकी दोषसिद्धि रद्द की जाती है।’’

पीठ ने कहा कि वह पांच लोगों को मृत्युदंड और शेष सात को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा की पुष्टि करने से इनकार करती है और उन्हें बरी करती है।

अदालत ने कहा कि अगर आरोपी किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं तो उन्हें जेल से तुरंत रिहा कर दिया जाए।

इस मामले में 2015 में एक विशेष अदालत ने 12 लोगों को दोषी ठहराया था, जिनमें से पांच को मृत्युदंड और शेष सात को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

राज्य भर की विभिन्न जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश किए गए आरोपियों ने उच्च न्यायालय के फैसला सुनाने के बाद अपने वकीलों को धन्यवाद दिया।

पश्चिमी लाइन पर विभिन्न स्थानों पर मुंबई की लोकल ट्रेन में 11 जुलाई, 2006 को सात विस्फोट हुए थे जिनमें 180 से अधिक लोग मारे गए थे और कई अन्य लोग घायल हुए थे।

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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