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Monday, 23 December, 2024
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शीना बोरा हत्या मामला : इंद्राणी मुखर्जी की जमानत याचिका फिर खारिज, बताया था कोरोना का ख़तरा

अदालत ने इससे पहले चिकित्सा आधार पर दायर उसकी चार नियमित जमानत अर्जियों को भी खारिज कर दिया था जबकि एक अन्य याचिका अब भी लंबित है.

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मुंबई: मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शीना बोरा हत्या मामले में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की अंतरिम जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी.

मुंबई के भायखला महिला कारागार में बंद मुखर्जी ने पिछले महीने याचिका दायर कर कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा जताते हुए अस्थायी रिहाई का अनुरोध किया था.

बहरहाल विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश जे सी जगदाले ने बुधवार को उसकी अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी.

अदालत ने इससे पहले चिकित्सा आधार पर दायर उसकी चार नियमित जमानत अर्जियों को भी खारिज कर दिया था जबकि एक अन्य याचिका अब भी लंबित है.

अपनी नयी याचिका में मुखर्जी ने कोरोना वायरस और अपने मेडिकल इतिहास का हवाला देते हुए 45 दिनों के लिए अस्थायी जमानत मांगी.

उसने कहा कि महाराष्ट्र में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर यह नहीं मालूम कि मुकदमा या जमानत के लिए सुनवाई कब शुरू होगी.

याचिका में यह भी कहा गया कि वह अगस्त 2015 में गिरफ्तार होने के बाद से ही न्यायिक हिरासत में है और मस्तिष्क की धमनियों में खून के अपर्याप्त प्रवाह की बीमारी से जूझ रही है.

याचिका में कहा गया है उसके मेडिकल इतिहास और उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा जारी दिशा निर्देशों पर विचार करते हुए अदालत को उसे अंतरिम जमानत देनी चाहिए.

गौरतलब है कि इंद्राणी मुखर्जी ने अपने ड्राइवर श्यामवर राय और पूर्व पति संजीव खन्ना के साथ मिलकर अप्रैल 2012 में अपनी बेटी शीना बोरा (24) की कथित तौर पर गला दबाकर हत्या कर दी थी. पड़ोसी रायगढ़ जिले के जंगल में उसका शव जला दिया गया था.

खन्ना इस मामले में सह-आरोपी है.

हत्या की साजिश का हिस्सा बनने के आरोप में पूर्व मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया गया. वह अभी जमानत पर बाहर है.

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