(तस्वीरों के साथ)
मुंबई, 19 अगस्त (भाषा) देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में मंगलवार को मूसलाधार बारिश के कारण पटरियों पर पानी जमा हो गया तथा मध्य रेलवे की मुख्य और हार्बर लाइन पर उपनगरीय ट्रेन सेवाएं बाधित हो गईं, जिससे यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
अधिकारियों ने बताया कि कुछ स्थानों पर पटरियों पर 17 इंच तक पानी जमा हो गया।
मध्य रेलवे ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (दक्षिण मुंबई में) और ठाणे के बीच मुख्य लाइन पर तथा सीएसएमटी और कुर्ला के बीच हार्बर लाइन पर अपनी उपनगरीय सेवाएं निलंबित कर दी हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सायन और कुर्ला खंड पर पटरियों पर आठ इंच तक पानी जमा है जिसकी वजह से रेल परिचालन स्थगित करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि कुछ लंबी दूरी की रेलगाड़ियों का समय पुनर्निर्धारित किया गया या उन्हें रद्द कर दिया गया तथा मध्य रेलवे (सीआर) ने फंसे हुए यात्रियों की मदद के लिए विभिन्न स्टेशनों पर सहायता डेस्क स्थापित की हैं।
बारिश और जलजमाव की वजह से यात्रियों को असुविधा हुई और कई लोग खड़ी रेलगाड़ियों से उतरकर जलमग्न पटरियों पर चलने को मजबूर हुए।
कुछ स्थानों पर नगर निकाय के कर्मियों ने फंसे हुए यात्रियों को बिस्कुट वितरित किए।
इस संबंध में एक यात्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जिस ट्रेन में वह सवार था वह उपनगरीय ट्रेन घाटकोपर के पास आधे घंटे से अधिक समय तक फंसी रही और इसलिए कुछ यात्री निकटतम स्टेशन तक पहुंचने के लिए पटरियों के सहारे पैदल आगे बढ़ने लगे।
टाटा अस्पताल में कार्यरत एक नर्स ने बताया कि उसकी ट्रेन दोपहर 12.30 बजे से तीन घंटे से अधिक समय तक परेल क्षेत्र में अपने स्थान से आगे नहीं बढ़ी। उसने कहा, ‘‘हमें नहीं पता कि ट्रेन चलेगी या नहीं। हमें कुछ भी पता नहीं है कि क्या हुआ है और अब हमें नहीं पता कि क्या करना है, क्योंकि जलभराव के कारण सड़कें भी बंद हैं।’’
सुबह एक अन्य यात्री ने कहा कि उपनगरीय रेल सेवा के निलंबन के कारण उनमें से कुछ के लिए मेट्रो रेल एकमात्र विकल्प बचा था। उन्होंने कहा, ‘‘लोअर परेल स्थित अपने कार्यालय तक पहुंचने के लिए अब मैं मेट्रो लाइन-1 से मरोल स्टेशन तक जाने की योजना बना रहा हूं और वहां से मैं वर्ली तक भूमिगत एक्वा लाइन से जाऊंगा।’’
मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी स्वप्निल नीला ने बताया कि अपराह्न 3.29 बजे समुद्र में 2.2 मीटर तक की लहरें रह गईं, लेकिन सायन-कुर्ला और चूनाभट्टी-कुर्ला खंडों के बीच पटरियों पर पानी अभी तक कम नहीं हुआ है।
नीला ने बताया कि अपराह्न दो से 2.30 बजे के बीच मुख्य लाइन के कुछ हिस्सों पर पानी 13 से 15 इंच तक जमा था जो बाद में यह घटकर 11 इंच रह गया, लेकिन लगातार भारी बारिश और मीठी नदी का जलस्तर बढ़ने से पटरियों पर जलजमाव की स्थिति बनी हुई है।
नीला ने कहा, ‘‘एक समय तो पटरियों पर जल स्तर 17 इंच से अधिक था।’’ उन्होंने कहा कि रेलवे अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बांद्रा (पश्चिमी उपनगरों में) की ओर हार्बर लाइन सेवाएं अपराह्न करीब 1.30 बजे बहाल कर दी गईं और तीन सेवाएं वडाला रोड तथा बाद में सीएसएमटी से संचालित की गईं।
पश्चिमी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी विनीत अभिषेक ने बताया कि विरार-वसई खंड में पटरी बदलने के स्थान पर तकनीकी खराबी और जल जमाव के कारण उनके नेटवर्क पर उपनगरीय सेवाएं भी प्रभावित हुईं।
उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिमी रेलवे पर उपनगरीय सेवाएं देरी से चल रही हैं, लेकिन कहीं भी सुरक्षा स्तर से अधिक जलभराव नहीं है।’’
मध्य और पश्चिमी रेलवे दोनों मार्गों पर परेल, करी रोड, भायकला, दादर, माटुंगा रोड, माहिम और अन्य स्थानों पर पटरियों पर जल जमाव की स्थिति है।
सड़कों पर जलजमाव के कारण बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) उपक्रम द्वारा संचालित बस सेवा भी बुरी तरह प्रभावित हुई है।
बेस्ट के प्रवक्ता ने बताया कि निचले इलाकों में बाढ़ के कारण दर्जनों बसों के मार्ग बदल दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि शहर और उपनगरों में विभिन्न स्थानों पर जलभराव के कारण करीब एक दर्जन बस फंस गई हैं।
भाषा धीरज नेत्रपाल
नेत्रपाल
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