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बुधवार, 2 जुलाई, 2025
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मुंबई: बलात्कार का आरोपी एनआरआई बरी, अदालत ने कहा- महिला ने सब जानते हुए बनाए शारीरिक संबंध

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मुंबई, 21 मई (भाषा) मुंबई की एक अदालत ने अनिवासी भारतीय (एनआरआई) वैज्ञानिक को शादी के बहाने बलात्कार के आरोप से बरी करते हुए कहा है कि जब कोई महिला परिणाम को समझते हुए शारीरिक संबंध बनाने के लिए ‘उचित विकल्प’ चुनती है, तो उसकी सहमति को ‘तथ्यों की गलत धारणा’ के आधार पर लिया गया फैसला नहीं माना जा सकता।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश किशोर मोरे ने हालांकि कहा कि यदि इस बात के स्पष्ट सबूत हों कि झूठा वादा किया गया था तो स्थिति को अलग तरीके से देखा जा सकता है।

मूल रूप से गुजरात के रहने वाले और यूरोप में काम करने वाले वैज्ञानिक एनआरआई पर शादी का झांसा देकर ठाणे की 27-वर्षीय महिला से बलात्कार करने का आरोप है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, अपने पति से अलग हो चुकी महिला को सितंबर 2019 में विवाह संबंधी वेबसाइट पर आरोपी का प्रोफाइल मिला था।

अभियोजन पक्ष के अनुसार एक-दूसरे की ‘प्रोफाइल’ पसंद आने के बाद दोनों फोन पर एक-दूसरे से बाचतीत करने और संदेश भेजने लगे।

अभियोजन पक्ष ने कहा कि वे 31 दिसंबर, 2019 को नए साल का जश्न मनाने के लिए मुंबई में मिले।

अभियोजन पक्ष ने कहा कि पीड़िता ने आरोपी से पूछा कि क्या वह उसे पसंद करता है तो आरोपी ने ‘उसे शादी का आश्वासन दिया।”

प्राथमिकी के अनुसार, दोनों उपनगरीय अंधेरी के एक पांच सितारा होटल में गए, जहां एनआरआई ने महिला को नशीला पदार्थ पिलाकर बलात्कार किया।

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि सभी परिस्थितियां ‘पर्याप्त रूप से स्थापित करती हैं’ कि 31 दिसंबर 2019 को दोनों के बीच शारीरिक संबंध सहमति से बने थे।

अदालत ने कहा, ‘जब भी कोई महिला इस तरह के कार्य के परिणाम को पूरी तरह से समझने के बाद शारीरिक संबंध स्थापित करने का तर्कसंगत विकल्प चुनती है, तो ‘सहमति’ को तथ्य की गलत धारणा पर आधारित नहीं कहा जा सकता।”

भाषा जोहेब सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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