नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुवेंदु अधिकारी की पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष के उस आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया, जिसमें अध्यक्ष ने मुकुल रॉय को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने 11 फरवरी को विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने चुनाव के बाद दल बदलने के लिए दलबदल विरोधी कानून के तहत मुकुल रॉय को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने का आग्रह किया था।
गौरतलब है कि भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय पिछले साल जून में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई की एक पीठ ने अधिकारी से कहा कि उन्हें विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय जाना होगा।
पीठ ने कहा, ‘‘ यह रिट याचिका अनुच्छेद-32 के तहत दायर की गई है, जिसमें अध्यक्ष के, मुकुल रॉय को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने के अनुरोध वाली याचिका खारिज करने के फैसले को चुनौती दी गई है। अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद, हमारा विचार है कि याचिकाकर्ता, अध्यक्ष के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख कर सकता है।’’
शीर्ष अदालत ने इस दलील पर भी गौर किया कि लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष के रूप में रॉय का कार्यकाल केवल एक वर्ष का है। पीठ ने उच्च न्यायालय से एक महीने के भीतर मामले का निपटारा करने का आग्रह किया है।
पीठ ने अधिकारी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन से जानना चाहा कि याचिकाकर्ता के किस मौलिक अधिकार उल्लंघन हुआ है।
पीठ ने पूछा, ‘‘ इसमें असाधारण क्या है, कौन से मौलिक अधिकार शामिल हैं? सब कुछ अनुच्छेद-32 के तहत दायर किया गया है।’’
वैद्यनाथन ने पीठ से कहा कि अध्यक्ष का फैसला पूरी तरह से मनमाना है।
भाजपा नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने 17 जून को अध्यक्ष के समक्ष अर्जी देकर रॉय को अयोग्य करार देने का अनुरोध किया था।
भाजपा विधायक अम्बिका रॉय ने जुलाई में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा लोकलेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष पद पर मुकुल रॉय की नियुक्ति को चुनौती दी थी और पंरपरा के अनुसार इस पद पर विपक्षी सदस्य का नामांकन कराने का अनुरोध किया था।
भाषा निहारिका अनूप
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