नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी और कहा कि उन्होंने ‘एक राष्ट्र, एक विधान, एक निशान’ और जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने के लिए अपने जीवन का बलिदान दे दिया।
शाह ने कहा कि देश इस संघर्ष और बलिदान के लिए हमेशा मुखर्जी का ऋणी रहेगा।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार शाह ने यहां कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में प्रवेश के लिए एक समय परमिट की आवश्यकता होती थी। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक राष्ट्र, एक विधान, एक निशान, कश्मीर से परमिट राज को समाप्त करने और इसे भारत का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए काम करते हुए अपने जीवन का बलिदान दे दिया। हम इस संघर्ष और बलिदान के लिए हमेशा मुखर्जी के ऋणी रहेंगे।’’
गृह मंत्री ने कहा कि मुखर्जी एक अद्वितीय विचारक थे, जिनका मानना था कि सत्ता का मूल उद्देश्य शासन करना नहीं है, बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित भावना के साथ काम करना है।
शाह ने कहा कि मुखर्जी का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का दर्शन और भारत की मूल संस्कृति के अनुसार नीतियां अपनाने का विचार हमेशा सभी का मार्गदर्शन करेगा।
वर्ष 1901 में कोलकाता में जन्मे मुखर्जी को हिंदू अधिकारों और राष्ट्रवादी विचारों का समर्थन करने के लिए जाना जाता था। भाषा अमित देवेंद्र
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