बेंगलुरु, तीन अक्टूबर (भाषा) मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) के भूखंड आवंटन से जुड़े कथित घोटाले के शिकायतकर्ताओं में से एक सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा जांच के संबंध में सबूत देने और रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के लिए बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
ईडी ने 30 सितंबर को मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की जिसमें एमयूडीए की ओर से उनकी पत्नी पार्वती बी एम को 14 स्थलों के किए गए आवंटन में कथित अनियमितताएं करने का आरोप है।
सूत्रों ने बताया कि 27 सितंबर को लोकायुक्त पुलिस द्वारा मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद ईडी ने मैसूरु के सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता को ईडी के बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय में जांच अधिकारी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने और धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जांच या कार्यवाही के सिलसिले में सबूत देने और रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के लिए बुलाया था।
कृष्णा की शिकायत के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने सिद्धरमैया, उनकी पत्नी और दो अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। उन्होंने ईडी में भी शिकायत दर्ज कराई थी।
ईडी कार्यालय जाने से पहले उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने (ईडी ने) मुझे बुलाया है। जो भी दस्तावेज मांगे हैं, मैं उन्हें जमा करने जा रहा हूं।’’
भाषा खारी मनीषा
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