नई दिल्ली: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा घोषित ‘उद्योग और रोजगार वर्ष’ के तहत प्रदेश में रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रभावी पहल कर रही है.
प्रदेश की 18 लाख पंजीकृत एमएसएमई इकाइयों ने अब तक 56 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है और 94 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया है. वहीं 5,342 स्टार्टअप, 72 इनक्यूबेटर और 2,542 महिला स्टार्टअप्स ने 54 हजार से अधिक लोगों को रोजगार दिया है.
वर्ष 2024-25 में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत 10,352 युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया है.
नई एमएसएमई विकास नीति 2025, स्टार्टअप नीति 2025 और औद्योगिक भूमि आवंटन नियम 2025 के माध्यम से प्राथमिकता क्षेत्रों को विशेष प्रोत्साहन मिल रहा है. स्टार्टअप नीति का लक्ष्य 10 हजार डीपीआईआईटी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को सहयोग देना है.
हाल ही में रतलाम में हुए रीजनल इंडस्ट्री, स्किल एंड एम्प्लॉयमेंट कॉन्क्लेव में अब तक 2.37 लाख लाभार्थियों को 2400 करोड़ रुपये का ऋण वितरित होने की उपलब्धि प्रदर्शित की गई. विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं से 4 लाख से अधिक हितग्राहियों को 3861 करोड़ रुपये और 880 एमएसएमई इकाइयों को 269 करोड़ रुपये की सहायता दी गई.
पन्ना जिले के गिरवारा निवासी रवि पाठक ने ‘अर्चना राइस मिल’ शुरू कर 133.83 लाख रुपये का निवेश किया. एमएसएमई प्रोत्साहन योजना से उन्हें 53.53 लाख रुपये की सब्सिडी मिली. आज वे न केवल आत्मनिर्भर हैं, बल्कि 7 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.
धार जिले के धानमंडी निवासी राकेश गहलोत ने मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना से 25 लाख रुपये का ऋण लेकर पेंट और हार्डवेयर की दुकान शुरू की. अब उनका सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये है. उन्होंने बताया कि वे एक समय हताश थे, लेकिन सरकार की योजना से उन्हें नया रास्ता मिला. आज वे अपने क्षेत्र में प्रेरणा बन गए हैं.
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