नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) जलशक्ति मंत्रालय की बृहस्पतिवार को हुई बजट अनुदान से संबंधित बैठक के दौरान सासंदों ने जल संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता को रेखांकित किया।
जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि बैठक में जल संरक्षण के प्रति साझा प्रतिबद्धता दिखाई दी।
उन्होंने कहा कि बैठक में विभिन्न दलों के सांसदों ने भाग लिया और यह जल संरक्षण के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
पाटिल ने पोस्ट में कहा, ‘सभी सांसदों ने रचनात्मक सुझाव प्रस्तुत किए और जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया।’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जल संरक्षण ने जन आंदोलन का रूप ले लिया है और पूरे देश में अभूतपूर्व जागरूकता और जन भागीदारी देखी जा रही है।
बैठक में आमंत्रित 60 सांसदों में से 13 सांसद शामिल हुए।
कई सांसदों ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) के क्रियान्वयन पर चिंता जताई और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच की मांग की।
सांसद पप्पू यादव ने बिहार में बाढ़ का मुद्दा उठाया और नदियों को आपस में जोड़ने तथा अतिरिक्त पानी को दूसरी जगह भेजने की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘बिहार को नेपाल से काफी मात्रा में पानी मिलता है। अगर वहां बाढ़ आती है तो इसका सीधा असर हम पर पड़ता है। किसानों की मदद करने और बाढ़ को खत्म करने के लिए नदियों को आपस में जोड़ा जाना चाहिए।’
यादव ने कोसी-मेची और महानंदा बेसिन परियोजनाओं पर चिंता जताई।
उन्होंने कहा, ‘अगर कोसी-मेची नदियों को महानंदा से जोड़ा जाता है तो चार जिलों को नुकसान होगा। गंगा का जलस्तर बढ़ गया है और गाद निकालने की कोई उचित योजना नहीं है।’
सांसद ने कहा, ‘जल नल योजना पूरी तरह से अव्यवस्थित है – कहीं नलों में पानी नहीं है तो कहीं नल ही नहीं है।’
यादव ने कहा कि जल शक्ति मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है और कई अधिकारियों को निलंबित किया गया है।
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने भी बिहार में साल भर बाढ़ के खतरे का हवाला देते हुए प्रस्तावित कोसी-मेची अंतर-राज्यीय लिंक परियोजना का विरोध किया।
जावेद ने कहा, ‘हमने सरकार से इस परियोजना को लागू न करने और इसके बजाय महानंदा बेसिन के विकास के लिए धन आवंटित करने का अनुरोध किया है।’
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने पाटिल से राजस्थान में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की जांच में तेजी लाने का आग्रह किया।
बेनीवाल ने कहा, ‘उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि राज्य में पानी से संबंधित मुद्दों का समाधान किया जाएगा।’
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद अभय कुशवाह ने बैठक का स्वागत किया।
कुशवाह ने कहा, ‘अंतरिम बजट के बाद यह पहली बार है कि किसी विभाग ने सांसदों के साथ बैठक बुलाई है। हमने सिंचाई और पेयजल के मुद्दों पर चर्चा की। अगर ठोस कदम उठाए जाएं तो बिहार की सूखे और बाढ़ की समस्या का समाधान हो सकता है।’
मंत्रालय के अधिकारियों ने सांसदों को गंगा सफाई प्रयासों और जल जीवन मिशन की प्रगति के बारे में जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश समेत राज्यों में 100 निरीक्षण दल तैनात किए गए हैं।
आठ मई को कैबिनेट सचिव टी वी सोमनाथन की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समीक्षा के बाद निरीक्षण हुआ।
मंत्रालय ने शहरी जल आपूर्ति, अपशिष्ट जल उपचार और वर्षा जल संचयन पहलों के बारे में जानकारी साझा की।
इस बीच, पाटिल को सौंपे गए एक पत्र में, नासिक के सांसद राजाभाऊ प्रकाश वाजे ने जल से संबंधित स्थानीय चुनौतियों को चिह्नित किया और महाराष्ट्र में नदी जोड़ परियोजनाओं के लिए राष्ट्रीय मान्यता की मांग की।
उन्होंने मंत्रालय से आग्रह किया कि गरगई-वैतरणा-कदवा, वैनगंगा-नलगंगा और दमनगंगा-गोदावरी जैसी परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजनाएं घोषित किया जाए ताकि वे 90 प्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषण के लिए पात्र बन सकें।
भाषा
जोहेब पवनेश
पवनेश
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