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Sunday, 6 October, 2024
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सांसदों ने प्रधानमंत्री से दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित मरीजों की सहायता पर ध्यान देने की मांग की

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नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) राज्यसभा के कई सांसदों ने दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित मरीजों की सहायता की राष्ट्रीय नीति के तहत राष्ट्रीय आरोग्य निधि से ऐसे मरीजों की तत्काल मदद करने की सरकार से मांग की। सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस विषय पर ध्यान देने का अनुरोध करते हुए कहा है कि ऐसा इसलिये जरूरी है क्योंकि 31 मार्च के बाद कोष की मियाद समाप्त हो जायेगी।

राष्ट्रीय आरोग्य निधि की स्थापना दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित मरीजों की मदद के लिये की गयी थी जो गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करते हैं।

राज्यसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस विषय पर ध्यान देने की मांग की है ताकि बच्चों सहित विभिन्न मरीजों के जीवन को बचाया जा सके।

‘पार्लियामेंट सपोर्ट ग्रुप फॉर रेयर डिसीज’ के तत्वावधान में लिखे पत्र में कहा गया है, ‘‘ हम दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित इन बच्चों की स्थिति को लेकर ध्यान आकृष्ट कराना चाहते हैं जिनके जीवन पर ऐसी बीमारियों के कारण खतरा है। इनमें बच्चे एवं युवा लोग शामिल हैं। इन्हें उपचार के लिये तत्काल मदद की जरूरत है।’’

सांसदों ने कहा कि राष्ट्रीय आरोग्य निधि के तहत ऐसे मरीजों के उपचार के लिये एक बार वित्तीय मदद प्रदान करने के लिये कोष की मियाद 31 मार्च 2022 को समाप्त हो जायेगी, ऐसे में मरीजों एवं उनकी देखरेख करने वालों के सामने कोई विकल्प नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे में ये मरीज योजना का लाभ प्राप्त करने से वंचित रह जायेंगे।

संगठन के तत्वावधान में यह मांग करने वाले राज्यसभा सदस्यों में फौजिया खान, वंदना चव्हाण, नीरज डांगी, एल हनुमंतैया, अब्दुल बहाव, मनोज कुमार झा, ई आर करीम, विनय बिस्वाम सहित 22 सांसद शामिल हैं।

सांसदों का कहना है कि इस उद्देश्य के लिये क्राउड फंडिंग मंच स्थापित करने के करीब एक वर्ष बाद 1.16 लाख रूपये जुटाये जा सके और एक भी मरीज का उपचार नहीं किया जा सका।

इनका कहना है कि वे सरकार का इस ओर भी ध्यान दिलाना चाहते हैं कि दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित मरीजों की सहायता की राष्ट्रीय नीति 2021 के तहत चिह्नित आठ उत्कृष्टता केंद्रों की ओर से दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिये 22 करोड़ रूपये की मदद मांगी गयी है।

भाषा दीपक

दीपक वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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