जबलपुर (मप्र), 27 मार्च (भाषा) मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (एमपीपीटीसीएल) ने हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइनों में खराबी का पता लगाने के लिए ड्रोन किराये पर लिए हैं। एमपीपीटीसीएल मध्यप्रदेश शासन की पूर्ण स्वामित्व वाली उपक्रम है। यह जानकरी अधिकारियों ने रविवार को दी है।
एमपीपीटीसीएल के प्रबंध संचालक सुनील तिवारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन में खामियों का पता लगाने के लिए जबलपुर और उसके आसपास के घने जंगलों, पहाड़ी इलाकों एवं मैदानी इलाकों में एक साल के लिए ड्रोन का प्रायोगिक आधार पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पहले तकनीकी कर्मचारी इन ट्रांसमिशन लाइनों में खराबी का पता लगाने के लिए टावरों पर चढ़ते थे। लेकिन अब ड्रोन का उपयोग कर इस पारंपरिक प्रथा को समाप्त किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इन ड्रोन का उपयोग करने पर कंपनी को कितना खर्चा आयेगा, इसका अध्ययन किया जा रहा है। यदि व्यवहार्य रहा, तो इसका स्थायी रूप से पूरे मध्यप्रदेश में उपयोग किया जाएगा।’’
एमपीपीटीसीएल के प्रवक्ता और सहायक अभियंता शशिकांत ओझा ने कहा कि ड्रोन के उपयोग से उत्साहजनक परिणाम आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में ड्रोन के जरिये अमरकंटक क्षेत्र के पास बिजली लाइन में खराबी का पता लगाया गया है।
ओझा ने कहा कि मांग के आधार पर एक निजी कंपनी से ड्रोन किराये पर ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि सप्लाई लाइन में स्पार्क होता है, तो ड्रोन इस लाइन के बंद होने से पहले ही इसका पता लगा लेता है।
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