भोपाल, सात मार्च (भाषा) मध्य प्रदेश में भोपाल की विशेष अदालत ने एक स्थानीय अखबार के मालिक प्यारे मियां (66) और उसके साथी मोहम्मद उवैस (22) को नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने के मामले में दोषी ठहराते हुए सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) कविता वर्मा ने इसके अलावा, पीड़िता के यौन शोषण में दोषियों का सहयोग करने एवं उसका गर्भपात कराने के लिए स्वीटी विश्वकर्मा (21) को 20 वर्ष का कारावास एवं डॉ. हेमंत मित्तल (45) को पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
अदालत ने प्यारे मियां पर 5.59 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जबकि तीन अन्य दोषियों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
जबलपुर की केन्द्रीय जेल से मुख्य आरोपी मियां ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई में हिस्सा लिया, जबकि भोपाल जेल से उवैस और विश्वकर्मा ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई में भाग लिया। मित्तल जमानत पर बाहर होने के कारण अदालत में पेश हुआ।
विशेष लोक अभियोजक पी एन सिंह राजपूत ने बताया कि पीड़िता ने 13 जुलाई 2020 को भोपाल स्थित कोहेफिजा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
जिला अदालत के जनसंपर्क अधिकारी मनोज त्रिपाठी ने बताया कि भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बाल संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज शिकायत के अनुसार, पीड़िता के साथ तीन साल तक बलात्कार किया गया था और उसका विरोध करने पर दोषी उसे धमकी देते थे कि वे उसके परिवार के सदस्यों को जान से मार देंगे।
प्यारे मियां पर अन्य नाबालिगों के साथ बलात्कार करने के आरोप में अन्य मामलों में भी मुकदमा चला रहा है। वह कथित तौर पर घरेलू सहायिका का काम दिलाने के बहाने झुग्गी-बस्तियों की गरीब लड़कियों को लुभाता था और फिर उन्हें पार्टियों में ले जाता था, जहां लड़कियों का शारीरिक शोषण किया जाता था।
भाषा सं रावत शफीक
शफीक
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