भोपाल, 21 मई (भाषा) मध्यप्रदेश में पिछले दिनों एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया, जिसमें एक सरपंच ने 20 लाख रुपये का कर्ज चुकाने के लिए ग्राम पंचायत को ही ठेके पर दे दिया और इसके लिए बाकायदा 100 रुपये के स्टांप पेपर पर करारनामा भी करा डाला। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उनके मुताबिक, मामला संज्ञान में आने के बाद जांच की गई और फिर सरपंच को पद से हटा दिया गया। ठेका लेने वाले व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
अधिकारियों के मुताबिक, यह विचित्र सौदा 2022 में भोपाल से लगभग 220 किमी दूर गुना के बाहरी इलाके में स्थित करोद पंचायत में सरपंच लक्ष्मी बाई और पंच रणवीर सिंह कुशवाह के बीच हुआ था।
अधिकारियों ने बताया कि जनपद पंचायत गुना को मिली एक शिकायत के आधार पर की गई जांच में यह मामला सामने आया।
जिलाधिकारी किशोर कुमार कन्याल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद इसकी जांच कराई गई और तब यह सामने आया कि पंचायत के संचालन के लिए आपस में ही समझौता कर लिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘आरोपियों को सुनवाई का मौका दिया गया और फिर कार्रवाई की गई। सरपंच को पद से हटा दिया गया है और पंच के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।’’
अधिकारियों के मुताबिक, जनपद पंचायत गुना को जांच में पता चला कि सरपंच ने पंचायत का संचालन ठेके पर दे दिया है और इसके लिए 28 नवंबर 2022 को सरपंच लक्ष्मी बाई ने पंच रणवीर सिंह कुशवाह के साथ सौ रुपये के स्टांप पेपर वाले शपथ पत्र पर एक करारनामा किया।
अधिकारियों ने बताया कि इसमें ठेका लेने वाले कुशवाह ने सरपंच का 20 लाख रुपये का कर्ज चुकाने की जिम्मेदारी ली थी और साथ ही निर्माण कार्य की लागत का पांच प्रतिशत कमीशन सरपंच को देने की गारंटी दी थी।
गुना के कैंट थाना प्रभारी अनूप भार्गव ने बताया कि इस मामले में रणवीर सिंह कुशवाह के खिलाफ धारा 420, 419 और भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा (8) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
भाषा ब्रजेन्द्र नरेश मनीषा
मनीषा
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