बेंगलुरु: बेंगलुरु दक्षिण से सांसद तेजस्वी सूर्या अपने पुराने ट्वीट को लेकर विवाद में हैं. उन्होंने अरब महिलाओं के बारे में एक ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी के साथ 2015 में एक ट्वीट को पोस्ट किया था. रविवार को अरब देशों के विभिन्न प्रमुख नागरिकों द्वारा इस ट्वीट पर प्रकाश डाला गया, जिसके बाद भाजपा सांसद ने इसे हटा दिया.
इसमें सबसे पहले दुबई में रहने वाली बिजनेस वुमेन नूरा अल्जुरायर थीं. जिन्होंने इनकी परवरिश को गलत बताया है और कहा कि उन्हें महिलाओं का अनादर करना सिखाया गया है. अल्जुरायर ने उन्हें अरब की यात्रा करने के लिए चेतावनी दी.
Pity Ur upbringing @Tejasvi_Surya that respect for women couldn’t be instilled in U despite India having some great female leaders .Please note if someday the govt bestows a foreign ministry to you, avoid travelling to Arab lands. You are not welcome here. This will be remembered pic.twitter.com/KJJlqJL5tR
— Noora AlGhurair (@AlGhurair98) April 19, 2020
@PMOIndia Respected Prime minister @narendramodi India's relation with the Arab world has been that of mutual respect. Do you allow your parliamentarian to publicly humiliate our women? We expect your urgent punitive action against @Tejasvi_Surya for his disgraceful comment. pic.twitter.com/emymJrc5aU
— المحامي⚖مجبل الشريكة (@MJALSHRIKA) April 19, 2020
फिर इसे जल्द ही अन्य प्रमुख अरब ट्विटर हैंडलों द्वारा उठाया गया, जिनमें से कुछ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग किया.
यह ट्वीट पहले सोशल मीडिया पर उस समय आया था जब सूर्या ने 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन तब इसे बहुत अधिक अटेंशन नहीं मिला था. भारत में मुसलमानों के साथ जिस तरह से बर्ताव किया जा रहा है, उसके बारे में बहुत ही मुखर रहे अल्जुरैर के बाद यह मुद्दा फिर से उछला.
अरब देशों के कई प्रमुख सोशल मीडिया हैंडल ने भारत में मुस्लिमों से ‘बुरे व्यवहार’ को बताया.
सूर्या का विवाद संयुक्त अरब अमीरात के शाही परिवार की सदस्य राजकुमारी हेंड अल कासिमी के ट्वीट के बाद सामने आया, जिन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यूएई में काम करने वाले और सोशल मीडिया पर इस्लामोफोबिक कंटेंट पोस्ट करने वाले भारतीयों को निर्वासित कर दिया जाएगा.
मध्य पूर्व में काम कर रहे कई भारतीयों को पहले ही आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के लिए हाल ही में बर्खास्त कर दिया गया है.
दिप्रिंट ने विवाद पर टिप्पणी के लिए सूर्या तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन सभी कॉल अनुत्तरित हो गए. जब वह जवाब देंगे तो यह रिपोर्ट अपडेट की जाएगी.
सांसद सूर्या से जुड़े विवाद
भाजपा सांसद की 2015 में भी इसी ट्वीट के लिए आलोचना की गयी थी. उस समय कर्नाटक कांग्रेस के नेता वाईबी श्रीवत्स ने इसे ‘चीप’ कहा था.
उन्होंने कहा, ‘वह (सूर्या) इस तरह की टिप्पणियों का इस्तेमाल करते थे और दावा करते थे कि वे दूसरों के क्वोट हैं.’ जब मैंने उनकी आलोचना की तो उसने दावा किया कि वह एक पाकिस्तानी-कनाडाई पत्रकार-लेखक तारेक फतह को क्वोट कर रहा था.
‘यह उनकी तरह की विचारधारा को आगे बढ़ाने का उनका तरीका है, लेकिन तथ्य यह है कि उन्होंने ट्वीट किया इसका मतलब केवल सूर्या वही मानते हैं, जो फतेह ने कहा है.’
श्रीवत्स ने कहा कि इस तरह के ट्वीट से मध्य पूर्व में काम करने वाले भारतीयों के लिए समस्या पैदा हो सकती है क्योंकि सूर्या के कई फॉलोवर हैं जो अमीरात में काम करते समय अरब के खिलाफ जहरीली टिप्पणी पोस्ट करते रहे हैं.’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘पुराने बयानों को भी बाहर लाया गया और सूर्या की सेक्सिस्ट टिप्पणियों के बारे में बताया गया है. यह दर्शाता है कि संघ परिवार के लोग ऐसी चीजों को कैसे देखते हैं, इससे मध्य पूर्व में रहने वाले भारतीयों को भी परेशानी होगी.’
भाजपा सांसद शोभा करंदलाजे का भी यही मत था. भारतीय पूरी दुनिया में काम करते हैं, जिम्मेदार नागरिकों के रूप में, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम ऐसी टिप्पणी न करें जो हमारे साथी भारतीयों को आहत या प्रभावित कर सकें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बेंगलुरु दक्षिण से चुनाव लड़ने के लिए चुने गए सूर्या अपने ट्वीट्स के लिए कई बार मुसीबत में पड़ चुके हैं. उन्होंने एक बार पोस्ट किया था कि मैं उस दिन की कल्पना मात्र से ही डरता हूं जिस दिन महिला आरक्षण बिल अस्तित्व में आ जाएगा. सूर्या ने 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में नामित होने के 24 घंटों के भीतर एक ट्वीट को हटा दिया.
उन्होंने डिलीट किए गए ट्वीट में महिला आरक्षण बिल के बारे में लिखा था कि संसद में महिला आरक्षण एक अपवाद की स्थिति है, मैं उस दिन की कल्पना मात्र से ही डरता हूं जिस दिन महिला आरक्षण बिल अस्तित्व में आ जाएगा.
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)