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Thursday, 26 December, 2024
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मप्र : भाजयुमो नेता ने आदिवासी को पीटा, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री चौहान से मांगा इस्तीफा

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भोपाल/अनूपपुर, 20 सितंबर (भाषा) मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में एक सड़क दुर्घटना के बाद भाजयुमो के नेता द्वारा एक आदिवासी व्यक्ति को कथित तौर पर चप्पलों से पीटने के वायरल वीडियो ने राज्य में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने बुधवार को सत्तारूढ़ भाजपा पर आदिवासियों पर अत्याचार रोकने में असफल रहने का आरोप लगाया।

कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा ‘‘आदिवासी अत्याचारों’’ की पार्टी बन रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग की।

भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो), भारतीय जनता पार्टी की युवा शाखा है।

भाजपा ने कहा कि यह एक ‘‘दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण’’ घटना है, लेकिन आरोप लगाया कि हमले में शामिल दो आरोपियों में से एक कांग्रेस का पदाधिकारी है।

इस बीच, पुलिस ने आरोपी भाजयुमो नेता के खिलाफ अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है, जिसे पार्टी ने भी निष्कासित कर दिया है।

पुलिस अनुविभागीय अधिकारी सुमित केरकेट्टा ने कहा कि हिरवा सिंह गोंड (57) और भोमा सिंह (60) सोमवार को मोटरसाइकिल पर राजेंद्र नगर से अनूपपुर की ओर जा रहे थे, तभी उनका दोपहिया वाहन एक पिकअप वाहन से टकरा गया।

अधिकारी ने बताया कि भोमा सिंह की मौत हो गई जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए और दो लोगों ने मोटरसाइकिल चला रहे गोंड की पिटाई कर दी। आदिवासी व्यक्ति के साथ चप्पल से मारपीट का एक वीडियो बाद में वायरल हो गया।

अधिकारी ने बताया कि दोनों आरोपियों की पहचान जितेंद्र कुशवाह और गणेश दीक्षित के रूप में हुई है, उन पर भारतीय दंड संहिता और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है और आगे कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं।

भाजपा के जिला अध्यक्ष रामदास पुरी ने कहा कि भाजयुमो मंडल अध्यक्ष (ग्रामीण) दीक्षित को संगठन से निष्कासित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा समाज सेवा में विश्वास करती है और पार्टी में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।

कांग्रेस नेता कमलनाथ ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर मारपीट का वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि भाजपा नेता एक आदिवासी व्यक्ति को चप्पलों से पीट रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा मध्य प्रदेश में आदिवासी अत्याचारों की पार्टी बनती जा रही है। आप क्या चाहते हैं?’’

कमलनाथ ने कहा, ‘‘जब आप आदिवासियों पर अत्याचार नहीं रोक सकते तो कम से कम मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दें।’’

कांग्रेस नेता ने सीधी पेशाब कांड जैसे मामलों का हवाला देते हुए कहा कि प्रदेश आदिवासी अत्याचार में ‘नंबर वन’ बन गया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं को आदिवासियों पर अत्याचार करने का ‘लाइसेंस’ दे दिया गया है।

एआईसीसी के मध्य प्रदेश प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सत्ता के नशे में चूर भाजपा के नेताओं ने आदिवासी समाज के खिलाफ अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी हैं।

भोपाल में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि चौहान को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में देश की सबसे बड़ी आदिवासी आबादी है, लेकिन भाजपा शासन में आदिवासी 18 साल से अमानवीय अत्याचार झेल रहे हैं।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक्स पर कहा, ‘‘क्या कारण है विंध्य क्षेत्र में आदिवासियों पर इतने अत्याचार केवल भाजपा के लोगों द्वारा ही क्यों किए जा रहे हैं? यह सब सत्ता का नशा और जुर्म करने पर भी पुलिस द्वारा उन पर कार्रवाई नहीं करना ही है। भाजपा को अब सबक सिखाने का अवसर आ गया है।’’

घटना को लेकर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने दावा किया कि मारपीट मामले के दो आरोपियों में से एक जितेंद्र कुशवाह कांग्रेस का पदाधिकारी है।

उन्होंने कहा कि यह एक दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, लेकिन राजनीति करने से पहले कांग्रेस को इसका जवाब देना चाहिए।

डिडवापानी निवासी एक आरोपी कुशवाहा को जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष गुड्डू चौहान के साथ भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था।

चतुर्वेदी ने दावा किया, ‘‘इस साल 24 मार्च और नौ अगस्त को विरोध प्रदर्शन के लिए कांग्रेस नेता कुशवाह के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे।’’

उन्होंने बताया कि कुशवाह के खिलाफ अनूपपुर के कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जैसे ही (हमले का) मामला सामने आया, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और मामला दर्ज किया।

भाषा दिमो रंजन शफीक

शफीक

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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