इंदौर (मध्यप्रदेश), 12 फरवरी (भाषा) इंदौर में अनजाने में मछली का पित्ताशय (गॉलब्लैडर) खाने के बाद 42 वर्षीय व्यक्ति की हालत इस कदर बिगड़ गई कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। मरीज का इलाज करने वाले एक चिकित्सक ने बुधवार को यह जानकारी दी।
शहर के एक निजी अस्पताल के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. जय सिंह अरोरा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि 42 वर्षीय व्यक्ति ने अनजाने में मछली का पित्ताशय खा लिया था जिसके कुछ घंटों बाद उसे उल्टी-दस्त शुरू हो गए।
उन्होंने बताया कि शुरुआत में मरीज और उसके परिजन इसे खाद्य विषाक्तता का सामान्य मामला समझते रहे, लेकिन जांच में पता चला कि उसके क्रिएटिनिन के साथ ही यकृत (लिवर) के दो एंजाइम-एसजीओटी और एसजीपीटी का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया था।
अरोरा ने बताया, ‘‘गंभीर हालत में हमारे पास पहुंचा मरीज अस्पताल में हफ्ते भर तक भर्ती रहा। इसके बाद भी उसका इलाज जारी रहा। फिलहाल वह स्वस्थ है।’’
उन्होंने बताया कि मछली के पित्ताशय में ‘सोडियम साइप्रिनोल सल्फेट’ नाम का जहरीला तत्व होता है जो मनुष्य के शरीर में पहुंचने पर यकृत (लिवर) और गुर्दे (किडनी) को तेजी से नुकसान पहुंचा सकता है।
भाषा हर्ष खारी
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