लखनऊः क्या आपने कभी सोचा है कि एक पैर के सहारे पर्वत की चोटी पर पहुंचा जा सकता है? शायद कोई खयाल में ही ऐसा सोचे, लेकिन यूपी की अरुणिमा ने एक बार नहीं कई बार ऐसा कर दिखाया है. उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटियों में शामिल अंटार्कटिका के ‘विन्सन मैसिफ़’ हिल पर भी तिरंगा फहराने में कामयाबी हासिल कर ली है. वह दुनिया की टाॅप सात चोटी फतह करने वाली पहली दिव्यांग पर्वतरोही हैं. जानें उन्हीं की जुबानी उनकी कहानी….
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर अरुणिमा को बधाई दी.
Excellent!
Congratulations to @sinha_arunima for scaling new heights of success.
She is the pride of India, who has distinguished herself through her hardwork and perseverance.
Wishing her the very best for her future endeavours. https://t.co/Fi8GTQ1QVn
— Narendra Modi (@narendramodi) January 4, 2019
गौरतलब है कि अरुणिमा माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली दिव्यांग महिला हैं.
it's natural.
When प्रधान सेवक of country is so much dedicatedWe as a citizen
Dream to take country's name to new height in our respective fieldsOn behalf of Indian Players
We express gratitude for the work, policies and respect made to usJai Hind@PMOIndia @Ra_THORe https://t.co/U9EzhdXDR9
— Dr. Arunima Sinha (@sinha_arunima) January 4, 2019
उनका अभियान बीते 18 दिसंबर को बेस कैंप से शुरू होना था, लेकिन भारी बर्फबारी व प्रतिकूल मौसम के चलते अभियान लगभग एक सप्ताह करीब प्रभावित हो गया. इसके बाद ही उन्होंने 16 हजार 50 फीट ऊंची पर्वत चोटी पर चढ़ने का अभियान शुरू किया. इतनी ऊंचाई वाली विंसन मैसिफ पर्वत चोटी पर तिरंगा लहराने की सफलता मिलने के बाद उन्होंने अपने ट्वीटर एकाउंट से यह जानकारी देशवासियों को दी.
अरुणिमा का अब तक सफर बेहद कठिनाइयों से भरा रहा है. वे एक वालीबॉल खिलाड़ी भी रही हैं. 2011 में उनके साथ पद्मावत एक्सप्रेस ट्रेन में एक घटना घटी जिसने उनकी जिंदगी को बदल कर रख दिया. इसमें उन्होंने एक पैर गंवा दिया था.
दरअसल, उस ट्रेन में कुछ बदमाशों ने उनकी चेन छीनने की कोशिश की. अरुणिमा ने इसका विरोध किया, जिस कारण बदमाशों ने बरेली के नजदीक उन्हें ट्रेन से नीचे फेंक दिया. 7 घंटे ट्रैक पर पड़ी रहीं.. उस दौरान कई ट्रेनें गुजरीं उनका बायां पैर शरीर से अलग हो गया.
इलाज के समय हॉस्पिटल में ही उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर जाने का फैसला किया और धीरे-धीरे उन्होंने विश्व की सात सबसे ऊंची चोटियों को फतह कर लिया.
कृत्रिम पैर के सहारे एवरेस्ट (एशिया) फतह करने वाली दुनिया की एकमात्र महिला अरुणिमा अब तक किलीमंजारो (अफ्रीका), एल्ब्रूस (रूस), कास्टेन पिरामिड (इंडोनेशिया), किजाश्को (ऑस्ट्रेलिया) और माउंट अंककागुआ (दक्षिण अमेरिका) पर्वत चोटियों को भी फतह कर चुकी हैं.