जयपुर, 12 मार्च (भाषा) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि महिला सुरक्षा सखियां महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा करने और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में अहम भूमिका अदा कर रही हैं। आने वाले समय में महिला सुरक्षा सखी कार्यक्रम का दायरा बढ़ाते हुए और महिलाओं और बालिकाओं को इससे जोड़ा जाएगा।
उन्होंने प्रदेश में बालिकाओं को दिए जा रहे आत्मरक्षा कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी विस्तार करने की बात कही। गहलोत शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न थानों से जुड़ी महिला सुरक्षा सखियों से संवाद कर रहे थे। सुरक्षा सखियों ने अपने कार्य और चुनौतियों के अनुभवों को मुख्यमंत्री के साथ साझा किया।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा सखियों ने बालिकाओं में सुरक्षा की भावना और उनमें आत्मविश्वास मजबूत करने का काम किया। इसके लिए आप सभी बधाई की पात्र हैं। उच्चैन, भरतपुर की महिला सखी मंजू ने जब मुख्यमंत्री को बताया कि वे 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आगे नहीं पढ़ पाईं, तो मुख्यमंत्री ने उन्हें आगे पढ़ने की प्रेरणा देते हुए पुलिस अधिकारियों को उनकी आगे की पढ़ाई सुनिश्चित करने में सहयोग करने के निर्देश दिये।
सोड़ाला थाना क्षेत्र की महिला सखी टीना ने मुख्यमंत्री को बताया कि मनचलों की छेड़छाड़ से परेशान लड़कियों को पुलिस की मदद दिलाने में उन्होंने सहयोग किया, तो मुख्यमंत्री ने उनकी हौसला अफजाई की। उन्होंने पुलिस की कार्यशैली में बदलाव को आज की जरूरत बताया और कहा कि पुलिस अधिकारी एवं पुलिसकर्मी ईमानदारी से अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए महिलाओं के खिलाफ उत्पीडन व अपराध की घटनाओं पर संवेदनशीलता के साथ कार्यवाही करें।
अनिवार्य प्राथमिकी लागू होने के बाद अदालत से इस्तगासे के माध्यम से दर्ज होने वाले मामले 33 प्रतिशत से घटकर 16 प्रतिशत पर आ गए हैं।
गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि अब तक 12,339 सुरक्षा सखियों का चयन किया जा चुका है। मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षित एवं भयमुक्त वातावरण प्रदान करने में महिला सुरक्षा सखियां महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने कहा कि सुरक्षा सखी की सक्रियता राज्य की कानून-व्यवस्था को और सुदढ बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
भाषा कुंज संतोष
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