कोलकाता, 27 जनवरी (भाषा) भारत समेत कुछ पड़ोसी देशों के नौ से 12 साल तक के 1000 से अधिक बच्चों ने अपनी कल्पना से कैनवस को रोशन करने के लिए कोलकाता में आयोजित अनोखी कला कार्यशला में ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से भाग लिया।
शनिवार को कार्यशाला में देशभर के अलावा नेपाल और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के बच्चों ने यह दर्शाने के लिए पेंटब्रश का इस्तेमाल किया कि अभूतपूर्व और अकल्पनीय महामारी के बाद जीवन कितना बदल गया है। एपीजे आनंद कला कार्यशाला के 30वें संस्करण का विषय था ‘‘सकारत्मक परिवर्तन – मेरा जीवन कैसे बदल गया?’’
अंतरराष्ट्रीय विनिमय कार्यक्रम के तहत आयोजित इस कार्यशाला में नेपाल और पाकिस्तान के स्कूलों और अन्य जगहों के छात्रों ने ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया। लेकिन कोलकाता शहर के कई बच्चे पार्क स्ट्रीट पहुंचकर मुख्य स्थल पर आयोजित कार्यशाला में शामिल हुए।
कार्यशाला में छोटे बच्चों ने पेंटब्रश का उपयोग करते हुए दिखाया कि कैसे दो साल की कोविड महामारी चुनौतियों से भरी थी, लेकिन इसने हमारे जीवन में सकारात्मकता का संचार किया।
कार्यक्रम के मुख्य आयोजनकर्ता स्कूल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी किरणजीत सिंह पन्नू ने कहा, “दुनिया ने पिछले दो वर्षों की महामारी के दौरान आशातीत परिवर्तन देखे हैं। हम धीरे-धीरे ‘न्यू नॉर्मल’में वापस आने के लिए तैयार हैं, हमारी पहली प्राथमिकता छात्र हैं।’’ जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, मदुरै और हैदराबाद सहित भारत के विभिन्न इलाकों के छात्र कार्यशाला में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
भाषा संतोष नरेश
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