लखनऊ, सात मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के तहत सोमवार को शाम पांच बजे तक राज्य के नौ जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर 57 प्रतिशत से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया।
राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ और शाम छह बजे तक जारी रहा। वहीं, चंदौली जिले की चकिया और सोनभद्र जिले की राबर्ट्सगंज तथा दुद्धी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में मतदान निर्धारित शाम चार बजे तक चला, जबकि शेष 51 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं ने निर्धारित अवधि शाम छह बजे तक मतदान किया।
इस चरण में जिन जिलों में मतदान हुआ उनमें आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही और सोनभद्र शामिल हैं।
चुनाव आयोग के ‘वोटर टर्नआउट एप’ के अनुसार, सातवें चरण में शाम पांच बजे तक मतदान प्रतिशत 57.53 प्रतिशत दर्ज किया गया। एक अधिकारी ने बताया कि मतदान का अंतिम आंकड़ा मंगलवार को उपलब्ध होगा।
चुनाव आयोग के अनुसार, वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव के सातवें चरण में मतदान प्रतिशत 59.56 प्रतिशत दर्ज किया गया था।
आयोग के एप के अनुसार, इस बार चंदौली में अपेक्षाकृत अधिक 61.99 प्रतिशत और वाराणसी में 58.80 प्रतिशत मतदान हुआ। आजमगढ़ में 55.00 फीसदी, भदोही में 56.90 फीसदी, गाजीपुर में 56.54 फीसदी, जौनपुर में 56.45 फीसदी, मऊ में 57.02 फीसदी, मिर्जापुर में 58.89 फीसदी और सोनभद्र में 60.74 फीसदी मतदान हुआ।
अपर मुख्य चुनाव अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि राज्य से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है.। आयोग ने मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चलने का दावा किया। हालांकि समाजवादी पार्टी ने गाजीपुर और भदोही में कुछ स्थानों पर मतदाताओं को वोट डालने से रोके जाने, आजमगढ़ में फर्जी मतदान कराए जाने और जौनपुर के मल्हनी क्षेत्र में एक पार्टी विशेष के पक्ष में जबरन मतदान कराए जाने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है।
सातवें चरण में 2.06 करोड़ मतदाता थे, जिनमें 1.09 करोड़ पुरुष, 97.08 लाख महिला तथा 1027 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। इस चरण के निर्वाचन में कुल 54 विधानसभा क्षेत्रों में 613 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें से 75 महिला प्रत्याशी हैं। सातवें चरण की 54 सीटों में से 11 अनुसूचित जाति के लिए और दो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।
उल्लेखनीय है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में सातवें चरण की इन 54 सीटों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगियों अपना दल (एस) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) को कुल 36 सीटें मिली थीं। इनमें भाजपा को 29, अपना दल (एस) को चार और सुभासपा को तीन सीटें प्राप्त हुई थीं। वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) को 11, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को छह और निषाद पार्टी को एक सीट पर जीत मिली थी। पिछली बार 2017 में अपने दम पर लड़ी निषाद पार्टी इस बार भाजपा के साथ गठबंधन में है, जबकि सुभासपा ने सपा से गठबंधन किया है।
चुनाव के अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश के कई मंत्रियों के चुनावी भाग्य का फैसला होगा। इनमें पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी (वाराणसी दक्षिण), अनिल राजभर (शिवपुर-वाराणसी), रविंद्र जायसवाल (वाराणसी उत्तर), गिरीश यादव (जौनपुर) और रमाशंकर पटेल (मड़िहान-मिर्जापुर) शामिल हैं।
इसके अलावा विधानसभा चुनाव से ऐन पहले भाजपा छोड़कर सपा में गए पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान (घोसी-मऊ) और भाजपा का साथ छोड़कर इस बार सपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे सुभासपा अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर (जहूराबाद-गाजीपुर), गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी (मऊ सदर) तथा बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह (मल्हनी-जौनपुर) की उम्मीदवारी वाली सीट पर भी इसी चरण में ही वोट डाले जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पूर्ववर्ती छह चरणों में 349 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान संपन्न हो चुका है। प्रदेश में सात चरणों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आगामी 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।
भाषा सलीम आनन्द रंजन
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