देहरादून, 22 मई (भाषा) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उत्तराखंड में कठोर नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद सभी परीक्षाएं पारदर्शी तरीके से संपन्न हो रही हैं और पिछले तीन वर्षों में 23 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है ।
यहां आयोजित एक कार्यक्रम में 112 नवचयनित परिवहन आरक्षियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करने के बाद धामी ने कहा कि उनकी सरकार का संकल्प प्रदेश के योग्य, परिश्रमी और प्रतिभावान युवाओं को उनकी काबिलियत के आधार पर पारदर्शी तरीके से अवसर प्रदान करना है ।
उन्होंने कहा, “पूर्व की सरकारों में भर्ती प्रक्रियाओं पर लगे कलंक को मिटाने के लिए ही हमने राज्य में देश का सबसे कठोर ‘नकल विरोधी कानून’ लागू किया है। इस कानून के लागू होने के पश्चात प्रदेश में सभी परीक्षाएं पारदर्शी तरीके से संपन्न हो रही हैं और इसी का नतीजा है कि हम पिछले तीन वर्षों में 23 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने में सफल रहे हैं ।’
धामी ने आरोप लगाया कि पूर्व की सरकारों में नौकरी में भाई भतीजावाद के साथ ही भ्रष्टाचार भी अपने चरम पर था जिसे जड़ से समाप्त करने के लिए राज्य सरकार ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है ।
उन्होंने कहा, “पिछले तीन वर्षों में हमने भ्रष्टाचार में लिप्त 200 से अधिक लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया है और हमारा यह अभियान लगातार जारी है।”
नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले युवाओं को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन आरक्षी का पद यात्री सेवाओं के सुचारू संचालन, सड़क सुरक्षा की निगरानी, वाहन पंजीकरण की प्रक्रिया और प्रदूषण नियंत्रण की निगरानी सहित हर दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है ।
उन्होंने कहा कि इसलिए आपकी यह नौकरी मात्र एक सरकारी नौकरी नहीं, बल्कि एक सामाजिक उत्तरदायित्व भी है ।
मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त आरक्षियों से कहा कि उनका प्रयास यह होना चाहिए कि आमजन को अपने कार्यों के लिए अनावश्यक न भटकना पड़े ।
भाषा दीप्ति नोमान
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