अहमदाबाद, 11 जून (भाषा) गुजरात में कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मामले 1200 पार कर जाने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बुधवार को कहा कि वायरस का मौजूदा स्वरूप पहले की तुलना में कम गंभीर है लेकिन फिर भी सावधानी बरतने और लक्षण दिखने पर खुद को पृथक करने की जरूरत है।
यहां पत्रकारों से बात करते हुए, पटेल ने कहा कि राज्य का स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग केंद्र सरकार के संपर्क में है और स्थिति की निगरानी कर रहा है।
मंत्री ने कहा, ‘‘भारत में कोविड-19 संक्रमण के उभरने के बाद से, यह चौथा अवसर है, जब कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। हम लगातार केंद्र सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संपर्क में हैं। इन नए मामलों के लिए जिम्मेदार स्वरूप ओमीक्रॉन परिवार का है, जो कम गंभीर है।’’
पटेल ने कहा कि हालांकि यह स्वरूप बहुत हानिकारक नहीं है, लेकिन लोगों को एहतियाती कदम उठाने की जरूरत है, क्योंकि हर गुजरते दिन के साथ मामले धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग सर्दी, खांसी या गले में दर्द से पीड़ित हैं, उन्हें खुद को पृथक कर लेना चाहिए और लक्षण के अनुसार उपचार शुरू करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और सह-रुग्णता वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचना चाहिए।’’
पटेल के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है और सभी आवश्यक प्रोटोकॉल एवं स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे, जैसे कि बिस्तर, दवाएं और मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति उपलब्ध है।
एक सरकारी बयान के अनुसार, गुजरात में वर्तमान में कोविड के 1,227 मरीज उपचाराधीन हैं, इनमें बुधवार को सामने आये 223 मामले भी शामिल हैं।
इसमें से 23 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि 1,204 मरीजों को ‘ओपीडी-आधारित उपचार’ दिया जा रहा है।
बयान में कहा गया है कि अब तक अहमदाबाद में 18 वर्षीय युवती की संक्रमण के कारण मौत हुई है।
भाषा रंजन शफीक
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