मोरबी (गुजरात): गुजरात के मोरबी पुल हादसा मामले ने नया मोड़ लिया, मामले की जांच कर रहे वकील ने खुलासा करते हुए कहा ‘ओरेवा कंपनी के एक आरोपी प्रबंधक ने इस दुखद दुर्घटना को अदालत में ‘एक्ट ऑफ गॉड’ का कहा.’
वकील एचएस पांचाल ने कहा ‘ओरेवा कंपनी के दो प्रबंधकों (जिन्हें गिरफ्तार किया गया है) में से एक ने अदालत में कहा की यह ‘ईश्वर का कार्य’ है. एक और बड़ा खुलासा सामने आया कि केबलतार पुल आम जनता के लिए खोलने लायक नहीं थे उनमें जंग लगे थे.
एडवोकेट एचएस पांचाल ने कहा ‘फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (एफएसएल) की रिपोर्ट में जांच अधिकारी (आईओ) ने कहा कि केबल (पुल का) जंग खा रहा था. जांच अधिकारी का कहना है कि केवल पुल का फर्श बनाया गया था, केबल नहीं बदले गए थे. तेल-ग्रीसिंग भी नहीं की गई थी. एफएसएल अधिकारी का कहना है कि यह एक पुरानी केबल थी.
आज पुलिस हिरासत में भेजे गए आरोपियों के बारे में पूछे जाने पर, पांचाल ने कहा, ‘जिन 4 लोगों को पुलिस हिरासत में भेजा गया था, उनमें से दो ओरेवा कंपनी के प्रबंधक हैं और दो अन्य ने पुल के निर्माण का काम किया था. अन्य पांच जिन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया था सुरक्षाकर्मी और टिकट विक्रेता हैं.
एडवोकेट पांचाल ने आगे कहा ‘रिपोर्ट में, जांच अधिकारी (आईओ) ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया नहीं हुई थी, सीधा कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था.
गुजरात की मोरबी अदालत ने 30 अक्टूबर को सदी-पुराना पुल ढहने, और 135 लोगों की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए नौ लोगों में से चार लोगों को पुलिस हिरासत में और शेष पांच को 5 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
पुलिस हिरासत में चार व्यक्तियों में से दो ओरेवा कंपनी के प्रबंधक हैं, जिन्होंने 7 महीने के रखरखाव के काम के बाद पुल को आमजन के लिए खोल दिया, और अन्य दो निर्माण कार्य के ठेकेदार हैं.
जारी जांच पर मोरबी के एसपी राहुल त्रिपाठी ने कहा, ‘हम अपनी हिरासत में सभी चार आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं और हम पुल के नवीनीकरण में विभिन्न प्रकार की खामियों के दायित्व को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. हम गहन जांच कर रहे हैं और अगर किसी की भूमिका सामने आती है तो उसके खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा, ‘हां, हमने अदालत को एक वैज्ञानिक रिपोर्ट दी है, लेकिन उसका विवरण इस स्तर पर आपके साथ साझा नहीं कर सकते क्योंकि इससे हमारी जांच में बाधा आएगी.’
गुजरात पुलिस ने पुल ढहने की घटना में आईपीसी की धारा 304 और 308 (गैर इरादतन हत्या) के तहत केस दर्ज किया है.
इससे पहले गुजरात सरकार ने पुल गिरने की घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था.
मोरबी बी डिवीजन के पुलिस निरीक्षक, प्रकाशभाई देकावड़िया ने कहा ‘पुल के रखरखाव और प्रबंधन एजेंसियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), और 114 (अपराध होने पर उपस्थित होने वाले) के तहत केस दर्ज किया है.
गुजरात के गृहमंत्री हर्ष संघवी ने मीडियाकर्मियों को बताया, ‘मोरबी हैंगिंग ब्रिज गिरने की घटना में मरने वालों की संख्या 132 हो गई है. मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद से निकलते समय कल ही एक हाई पावर कमेटी का गठन किया है. सभी अधिकारी, विभिन्न स्थानों पर तैनात हैं, मोरबी में 2 बजे तक रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था, जांच अभी जारी है.’
गुजरात के गृह मंत्री ने आगे बताया कि घटना के संबंध में एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है.
संघवी ने कहा, ‘रेंज आईजीपी के नेतृत्व में आज जांच शुरू हो गई है. रातभर सब काम करते रहे. नौसेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा राहत बल), वायुसेना और सेना तुरंत मौके पर पहुंच गई, 200 से अधिक लोगों ने पूरी रात खोज और बचाव अभियान में काम किया है.’
रविवार को मोरबी शहर में एक केबल सस्पेंशन पुल के ढह जाने से मच्छू नदी में लोगों के गिरने से महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 135 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोगों घायल हुए जिनका इलाज चल रहा है.
एनडीआरएफ कमांडेंट प्रसन्ना कुमार ने आज कहा, ‘जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक, एक या दो लोग अभी भी लापता हैं, हम अन्य एजेंसियों के साथ तलाशी अभियान चला रहे हैं, एनडीआरएफ की 5 टीमें यहां काम कर रही हैं.’