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Thursday, 18 September, 2025
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हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर: 419 मौतें, 564 सड़कें बंद और 525 बिजली ट्रांसफॉर्मर बाधित

जलापूर्ति योजनाओं में भी व्यापक असर पड़ा है. राज्य में कुल 281 योजनाएं बाधित हैं. मंडी जिले में सबसे अधिक 180 योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जबकि शिमला में 38 और चंबा में 20 जल योजनाएं प्रभावित हुई.

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शिमला: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते जनजीवन प्रभावित हुआ है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA) के अनुसार 18 सितंबर तक 564 सड़कें बंद हैं, 525 पावर डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफॉर्मर बाधित हैं और 281 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं.

राज्य में मानसून शुरू होने के बाद से अब तक कुल 419 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें 237 लोग बारिश और भूस्खलन, फ्लैश फ्लड जैसी घटनाओं में मरे हैं, जबकि 182 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं. भारी नुकसान के कारण राज्य ने खुद को आपदा प्रभावित घोषित किया है.

राज्य में कुल 564 सड़कें अवरुद्ध हैं, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-03 और एनएच-503ए शामिल हैं. सबसे अधिक सड़कें बंद होने वाले जिले हैं: कुल्लू (155), मंडी (203) और शिमला (50). लगातार बारिश के कारण मंडी जिले में 327 डीटीआर बाधित हुए हैं. कुल्लू में 23 और कांगड़ा में 34 ट्रांसफॉर्मर प्रभावित हुए.

जलापूर्ति योजनाओं में भी व्यापक असर पड़ा है. राज्य में कुल 281 योजनाएं बाधित हैं. मंडी जिले में सबसे अधिक 180 योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जबकि शिमला में 38 और चंबा में 20 जल योजनाएं प्रभावित हुई.

मानसून के दौरान निजी और सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है. सार्वजनिक संपत्ति को कुल नुकसान 4,59,536.54 लाख रुपये आंका गया है. इसमें पीडब्ल्यूडी को 1,41,387.8 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. जल शक्ति विभाग को 13,946.69 लाख रुपये का और विद्युत विभाग को 2,045.05 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. मकानों को भी गंभीर क्षति हुई है. 583 पक्के और 1,676 कच्चे मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए, जबकि 934 पक्के और 2,150 कच्चे मकान पूरी तरह नष्ट हुए.

प्रदेश में 145 भूस्खलन, 98 फ्लैश फ्लड और 46 क्लाउडबर्स्ट की घटनाएं दर्ज की गई हैं. लाहौल-स्पीति जिले में सबसे अधिक 29 भूस्खलन हुए, शिमला में 27 और कुल्लू में 23. फ्लैश फ्लड में लाहौल-स्पीति सबसे प्रभावित रहा (57 घटनाएं). क्लाउडबर्स्ट में मंडी 19 घटनाओं के साथ सबसे अधिक प्रभावित रहा, उसके बाद कुल्लू (12) और चंबा (6) हैं.

हिमाचल पुलिस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने ‘ऑपरेशन हौसल’ शुरू किया है, ताकि फ्लैश फ्लड से प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को बचाया जा सके. 15-16 सितंबर की रात को सोनखाड़, धरमपुर इलाके में अचानक आई बाढ़ ने बस स्टैंड, बाजार और आसपास के घरों को प्रभावित किया. मंडी पुलिस और एसडीआरएफ ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया.

हालांकि, अभी भी 2 लोग लापता हैं और उन्हें ढूंढने के प्रयास जारी हैं. हिमाचल पुलिस ने कहा, “हमारी कोशिश है कि किसी की उम्मीद अधूरी न रहे. पुलिस हमेशा हर नागरिक की सुरक्षा और जीवन की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.”

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में राज्य में पिछले 48 घंटों में हुई बारिश और नुकसान का आंकलन करने के लिए उच्चस्तरीय बैठक की. उन्होंने जीवन और संपत्ति के नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की और संबंधित अधिकारियों को प्रभावित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिएय पिछले दो दिनों में पांच लोगों की मौत हुई है: तीन निहारी में और दो मंडी जिले के पंडोह मोहल सुमा के पास, जबकि दो लोग लापता हैं.

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