नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने झारखंड में कथित तौर पर आपराधिक गतिविधियों के मार्फत ‘झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड’ को एक कोयला ब्लॉक का आवंटन करने से संबंधित धनशोधन के एक मामले में शनिवार को कंपनी और उसके निदेशक को तलब किया।
विशेष न्यायाधीश संजय बंसल ने कंपनी और उसके निदेशक राम स्वरूप रूंगटा को दो जून को तलब किया है।
धनशोधन का यह मामला झारखंड में आपराधिक गतिविधियों के जरिए आरोपी कंपनी को ‘उत्तरी धादू कोल ब्लॉक’ आवंटित किये जाने पर आधारित है। यह आवंटन कंपनी को उसके प्रस्तावित ‘स्पंज आयरन संयंत्र’ के लिए किया गया था।
न्यायाधीश बंसल ने कहा, ‘‘ संपूर्ण सामग्री पर गौर करने के बाद, मेरा मत है कि प्रथम दृष्टया धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की धारा तीन (धनशोधन) के तहत अपराध के लिए समन का मामला स्पष्ट रूप से बनता है, जो उक्त अधिनियम की धारा चार के तहत दंडनीय है।’’
न्यायाधीश बंसल ने कहा,‘‘तदनुसार मामले के समग्र तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, मैं पीएमएलए की धारा तीन के तहत अपराध का संज्ञान लेता हूं, जो उक्त अधिनियम की धारा चार के तहत दंडनीय है।’’
हालांकि, न्यायाधीश ने कंपनी के अन्य निदेशक राम चंद्र रूंगटा को तलब करने से इनकार कर दिया और कहा कि अपराध से कमाई करने में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
भाषा
राजकुमार माधव
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