मुंबई, 11 जुलाई (भाषा) यहां की एक विशेष अदालत ने सीमा शुल्क एवं जीएसटी विभाग के अपर आयुक्त के पद पर कार्यरत भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी सचिन बालासाहेब सांवत को धनशोधन के एक मामले में मंगलवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले महीने सावंत को धनशोधन रोधी अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था। वह पहले जांच एजेंसी के मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय में उपनिदेशक के पद पर भी कार्य कर चुके हैं।
ईडी की हिरासत समाप्त होने के बाद मंगलवार को उन्हें पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश किया गया। जांच एजेंसी ने कहा कि अब आरोपी की हिरासत की जरूरत नहीं है जिसके बाद अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
सावंत वर्ष 2008 बैच के सीमा शुल्क एवं अप्रत्यक्ष कर काडर के आईआरएस अधिकारी हैं और लखनऊ में सीमा शुल्क और माल एवं सेवाकर (जीएसटी) निदेशालय में कार्यरत थे। उन्होंने वर्ष 2017 से 2019 तक ईडी में भी कार्य किया है।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि सावंत ने ‘‘ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की और जांच के दौरान पाया गया कि अज्ञात स्रोत से प्राप्त 1.25 करोड़ रुपये की राशि परिवार के सदस्यों के निजी खातों और फर्जी कंपनी के खाते में जमा किए जिसके निदेशक उनके पिता एवं एक रिश्तेदार हैं। ’’
एजेंसी ने दावा किया कि फर्जी कंपनी के नाम से संपत्ति की खरीद की गई और इसके लिए भुगतान की गई रकम व्यक्तिगत ऋण और अन्य बैंक ऋण के तौर पर दिखाई गई और उक्त ऋण की अदायगी भी नकद की गई।
ईडी के मुताबिक फर्जी कंपनी के नाम से जो फ्लैट खरीदा गया है उसपर वास्तविक मालिक के रूप में सावंत का कब्जा है।
ईडी ने सावंत के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मुकदमा दर्ज किया है।
भाषा धीरज संतोष
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