संभल: उस समय मोहसिन खान की उम्र महज 16 साल थी. ट्रेनिंग के दौरान कंधे में लगी चोट से परेशान मोहसिन को लगने लगा था कि बस अब उनका क्रिकेट करियर खत्म होने की कगार पर है. वह दौर काफी निराशाजनक था और उनका आत्मविश्वास बुरी तरह डगमगाने लगा.
लखनऊ सुपरजायंट्स के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज के बारे में दप्रिंट से बात करते हुए उनके पिता मुल्तान खान ने कहा, ‘ मोहसिन कंधे की चोट के कारण 2-3 साल तक तो काफी निराश रहा. उसे लगने लगा था कि अब उसका करियर खत्म हो गया है.’
मुरादाबाद से एक घंटे की ड्राइव करने के बाद जब आप उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर संभल पहुंचेंगे तो एक स्थानीय अस्पताल के सामने, शांत सी सड़क के पास ही मोहसिन का घर नजर आएगा. इसी शहर से मोहसिन ने पहली बार अपनी ट्रेनिंग शुरू की थी.
उनके पिता ने बताया, ‘हम उसके साथ बने रहे और समझाते रहे कि अंधेरे के बाद ही सवेरा होता है.’ मुल्तान के मुताबिक परिवार, दोस्तों और मुरादाबाद स्थित लंबे समय तक कोच रहे बदरुद्दीन सिद्दीकी के साथ और समर्थन से ही वह होनहार तेज गेंदबाजों लिस्ट में शामिल हो पाया, वरना कभी इतना बड़ा नहीं बन पाता.
आज 23 साल के मोहसिन खान की दुनिया एक नयी दास्तां लिखती नजर आ रही है. बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने अप्रैल के अंत में इंडियन प्रीमियर लीग में तूफान ला दिया. पहली बार आईपीएल में खेल रही लखनऊ सुपर जायंट्स को शीर्ष दावेदारों तक पहुंचने के लिए बस इसी तरह के धाकड़ खेल की दरकार थी.
हालांकि मोहसिन सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों के लिए पर्पल कैप की दौड़ में शामिल नहीं हैं, लेकिन उनका अब तक का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. उन्होंने अपने छह मैचों में 15.20 की औसत से 10 विकेट लिए. उनका 6.08 इकोनॉमी रेट, इस सीजन में लीग में सर्वश्रेष्ठ में से एक है.
यह मोहसिन का पहला आईपीएल नहीं था. मुंबई इंडियंस ने उन्हें 2018 में 20 लाख रुपये में खरीदा और फिर 2020 में भी वह इसी टीम में बने रहे. लेकिन लखनऊ फ्रैंचाइज़ी ने उन्हें इस सीजन में पहली बार खेलने का मौका दिया.
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बेहतरीन तेज गेंदबाज
सीमित ओवर वाले टी-20 मैच में जहां हर गेंद पर धड़ाधड़ रन बनते हैं, वहां मेडेन ओवर लेना किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है. लेकिन मोहसिन के लिए ये उनका स्वाभाविक खेल है. उनकी लाइन और लैंग्थ कमाल की है. उनके पास स्विंग के साथ-साथ गति और अतिरिक्त उछाल है जो विरोधी बल्लेबाजों को चैन की सांस नहीं लेने देता.
मोहसिन ने 1 मई को दिल्ली के खिलाफ अपना शानदार खेल दिखाया था. एक अनुभवी टेस्ट बॉलर की तरह घातक गेंदबाजी करते हुए न केवल ऋषभ पंत को बोल्ड किया बल्कि डेविड वार्नर और रोवमैन पॉवेल के विकट भी चटकाए. 16 रन देकर 4 विकेट लेने वाले मोहसिन को मैन ऑफ द मैच चुना गया था.
अगर लखनऊ अपने पहले सीज़न में आईपीएल जीतता है, तो उसकी सफलता में एक बड़ी हिस्सेदारी मोहसिन की भी होगी. वह विरोधी टीम को स्कोर का पीछा करने से लगातार रोकते आ रहे हैं.
चोट और निराशाओं से उबरकर आईपीएल तक का सफर
मोहसिन के पिता उत्तर प्रदेश पुलिस के एक रिटायर सब इंस्पेक्टर हैं. जबकि उनके बड़े भाई इमरान मुल्तान खान क्रिकेट से जुड़े हुए हैं. अपने भाई के नक्शेकदम पर चलते हुए ही मोहसिन ने क्रिकेट ट्रेनिंग की तरफ रूख किया था. मोहसिन ने अपने लिए अलग लाइन चुनी, उनके परिवार के लिए इससे ज्यादा गर्व की बात क्या हो सकती थी.
मोहसिन ने 2018 में सबसे पहले सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए खेला और साथ ही साथ विजय हजारे ट्रॉफी में भी भाग लिया. उन्होंने 2020 में अपना रणजी डेब्यू किया था.
विजय हजारे ट्रॉफी में उनके 26 विकेट 30.92 के औसत और 5.15 की इकॉनमी रेट से आए. वैसे उनके घरेलू टी20 (सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी + आईपीएल) के आंकड़े कहीं अधिक प्रभावशाली हैं: 17.37 के औसत से 43 विकेट और 6.72 का इकॉनमी रेट.
मुल्तान के अनुसार, मोहसिन ने पहली बार 15 साल की उम्र में सिद्दीकी का ध्यान अपनी ओर खींचा था. सिद्दकी को उसके अंदर एक बेहतरीन खिलाड़ी बनने की काबिलियत नजर आई और फिर उन्होंने उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के अंडर-16 ट्रायल के लिए इस युवा खिलाड़ी को तैयार करना शुरू कर दिया. मोहसिन ने चार ट्रायल मैचों में 27 विकेट लेकर अपना जलवा दिखा दिया. और यहीं से उत्तर प्रदेश के अंडर-19 में जगह बनाने की तैयारियां शुरू हो गईं.
रास्ते आसान नहीं थे, कई अड़चनें भी आईं. उन्हें सबसे ज्यादा परेशान ट्रेनिंग के दौरान लगी कंधे की चोट ने किया. तब एक बारगी लगा था जैसे उनका कैरयिर खत्म हो जाएगा. पिता मुलतान ने बताया, मोहसिन के पास अभी भी एक बैकअप था. वह महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज मुरादाबाद में अपनी शिक्षा पूरी कर आगे बढ़ सकते थे. लेकिन न तो उन्होंने और न ही उनकी पत्नी ने कभी उन पर इसके लिए दबाव डाला.
सिद्दीकी के प्रयासों ने मोहसिन के सपने को जिंदा बनाए रखा. उन्होंने न केवल मोहसिन को अपनी गेंदबाजी की लय हासिल करने में मदद की, बल्कि अपने सालों के अनुभव और ज्ञान को साझा करते हुए उसे निराशा के अंधेरे से भी बाहर निकाल लाए.
पूरी तरह से फिट होने के बाद मोहसिन को 2018 और 2020 के आईपीएल सीज़न के लिए मुंबई इंडियंस ने खरीद लिया. लेकिन यहां भी वह सफलता के लिए तरसते रहे. दोनों सीज़न में उन्हें खेलने का मौका ही नहीं मिला. यहां भी सिद्दीकी ही थे जिन्होंने उनकी मदद की.
सिद्दीकी ने कहा, ‘मुझे उसे बताना पड़ा कि इतनी परशानी की जरूरत क्या है’ उसे जहीर खान से मिलने वाली ट्रेनिंग के फायदों को समझने जरूरत थी.’ ज़हीर खान भी मोहसिन खान के जैसे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं और 2018 में वह मुंबई इंडियंस के कोचिंग स्टाफ में शामिल हुए थे.
निश्चित रूप से मोहसिन ने सफेद गेंद से खेले जाने वाले उत्तर प्रदेश के घरेलू क्रिकेट में कड़ी मेहनत की. वह यूपी के विजय हजारे और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी लाइन-अप के लिए एक स्थायी खिलाड़ी बन गए. अपने टीम के साथी यश दयाल के साथ एक तेज साझेदारी के साथ आगे बढ़े. यश दयाल भी इस साल गुजरात टाइटन्स के साथ लय में नजर आ रहे हैं.
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मदद के लिए आगे आने वाले हाथ
मोहसिन को पसंद करने वालों में से एक नाम मोहम्मद शमी का भी हैं. भारत के इस बेहतरीन तेज गेंदबाज ने मोहसिन को अपनी लय के अनुसार बॉलिंग करने में मदद की.
2020 में कोविड लॉकडाउन मोहसिन के लिए एक वरदान साबित हुआ. दरअसल इस दौरान अनुभवी तेज गेंदबाज कुछ महीनों के लिए उत्तर प्रदेश के संभल में अपने फार्म हाउस में रहने के लिए आए हुए थे. तब सिद्दीकी ने अपने पूर्व छात्र शमी से संपर्क साधा और अपने स्टार खिलाड़ी को ट्रेनिंग में मदद करने के लिए कहा. शमी इसके लिए तैयार हो गए.
सिद्दीकी ने कहा कि हम तीनों ने एक साथ घंटों बिताएं, शमी की घरेलू पिच पर गेंदबाजी की कला का अभ्यास किया और उसमें सुधार किया.
एक गेंदबाज के रूप में मोहसिन के लिए यह समय काफी महत्वपूर्ण था. इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए अपने एक इंटरव्यू में सिद्दीकी ने कहा था, शमी ने अपने साथ बिताए गए समय के बाद मोहसिन को खुद से भी बेहतर गेंदबाज माना था.
हालांकि यह कहना जल्दबाजी होगी कि वह क्रिकेट की दुनिया में कहां तक पहुुचंगे. लेकिर मोहसिन अपने आईपीएल करियर की शानदार शुरुआत को बनाए रखते हैं, तो एक अनुभवी दिग्गज की इस तरह की प्रशंसा आने वाले वर्षों में युवा खिलाड़ी को खुद को आगे बढ़ाने में मदद करती रहेगी.
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