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शनिवार, 17 मई, 2025
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प्रधानमंत्री के रूप में मोदी का भविष्य अनिश्चित है: गौरव गोगोई

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(तस्वीरों के साथ जारी)

गुवाहाटी, छह जून (भाषा) लोकसभा सदस्य एवं कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने शुक्रवार को यहां कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी का भविष्य अनिश्चित है क्योंकि गठबंधन सरकार चलाने के लिए बड़े दिल, खुले दिमाग और समावेशी दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।

गोगोई और कांग्रेस के दो अन्य निर्वाचित सांसदों को यहां पार्टी की राज्य इकाई के मुख्यालय में सम्मानित किए जाने के अवसर पर पार्टी नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ये वे गुण हैं जो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी में थे, लेकिन मुझे नहीं लगता कि मोदी में ये गुण हैं इसलिए उनके लंबे समय तक प्रधानमंत्री बने रहने की संभावनाओं पर संदेह है।’’

जोरहाट लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तपन गोगोई के खिलाफ जीत हासिल करने वाले गौरव गोगोई ने उत्तर प्रदेश के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने ‘‘राहुल गांधी को प्रधानमंत्री से भी बड़ा दर्जा दिया।’’

निवर्तमान लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा, ‘‘अगर हम उत्तर प्रदेश में रायबरेली और वाराणसी के मतों के अंतर की तुलना करें, तो गांधी ने मोदी से दोगुने से भी अधिक अंतर से जीत हासिल की है जबकि भाजपा का दावा है कि उत्तर प्रदेश में उसकी ‘डबल इंजन सरकार’ फल-फूल रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब उत्तर प्रदेश के लोग प्रधानमंत्री से नाखुश हैं, तो इसे लेकर संदेह पैदा होता है कि गठबंधन उनके नेतृत्व से कितने समय तक संतुष्ट रहेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल मेरा सबसे बड़ी आशंका मोदी के पांच साल तक प्रधानमंत्री बने रहने को लेकर है, क्योंकि उत्तर प्रदेश के लोगों ने अस्वीकृति व्यक्त की है जो रायबरेली की तुलना में वाराणसी में उनके मतदान करने के तरीके से स्पष्ट है।’’

गौरव गोगोई ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ (बीजेएनवाई) के असर के बारे में कहा, ‘‘इसका पूरे देश में उल्लेखनीय प्रभाव पड़ा है, जो हिंदी पट्टी के राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में (भाजपा के) मतदान प्रतिशत में गिरावट से स्पष्ट है, जहां भाजपा को शक्तिशाली माना जाता था, लेकिन उनका (मतों का) अंतर कम हो गया है।’’

उन्होंने पूर्वोत्तर में भी यात्रा के प्रभाव पर प्रकाश डाला। पूर्वोत्तर राज्यों में यात्रा की शुरुआत मणिपुर से हुई थी। उन्होंने कहा कि इसके कारण कांग्रेस ने मणिपुर में दो सीट जीतीं और नगालैंड एवं मेघालय में इसे एक-एक सीट और असम में तीन सीट पर जीत मिली।

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर में यात्रा ने ‘नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस’ (एनईडीए) की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसके संयोजक और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेने और इस्तीफा देने के बजाय नगालैंड और मेघालय में हार के लिए एक खास धर्म को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।’’

गोगोई ने कहा, ‘‘पूरे भारत में, खासकर असम में, लोगों ने हिंदू-मुस्लिम विभाजन और मंगलसूत्र जैसे प्रतीकों के आधार पर सांप्रदायिक विभाजन की (कोशिश करने वाली) बयानबाजी को नकार दिया है। मैं भारतीय मतदाताओं की सराहना करता हूं कि उन्होंने अपने मतों के माध्यम से ऐसी बयानबाजी को खारिज कर दिया, चाहे वह उत्तर प्रदेश के मतदाता हों, मणिपुर के मतदाता हों, असम के मतदाता हों या तमिलनाडु के मतदाता हों। देश भर में सभी धर्मों और मजहबों के लोगों ने भाजपा को करारा झटका दिया है।’’

गोगोई ने इन चुनावों के परिणाम के प्रभाव का आकलन करते हुए कहा कि इसका असर न केवल दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले चुनावों पर पड़ेगा, बल्कि दो साल बाद होने वाले असम विधानसभा चुनावों पर भी इसका असर पड़ेगा।

भाषा सिम्मी माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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