नई दिल्ली : गाज़ा में हमास पर जारी हवाई हमले और इजराइल रक्षा बलों (आईडीएफ) द्वारा जमीनी अभियान शुरू करने के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवादी हमलों के बाद जवाबी कार्रवाई पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी से फोन पर बात की. 7 अक्टूबर के बाद से युद्ध से तबाह गज़ावासियों को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए वैश्विक प्रयास जारी हैं.
दोनों नेताओं ने शनिवार रात को इजराइल तथा फलस्तीन के बीच जारी युद्ध के मद्देनजर पश्चिम एशिया में बिगड़ती सुरक्षा और मानवीय स्थिति पर चिंता जताते हुए शांति तथा स्थिरता की शीघ्र बहाली पर जोर दिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार सुबह सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह जानकारी दी.
Yesterday, spoke with President @AlsisiOfficial. Exchanged views on the deteriorating security and humanitarian situation in West Asia. We share concerns regarding terrorism, violence and loss of civilian lives. We agree on the need for early restoration of peace and stability…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 29, 2023
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उन्होंने कहा, ‘‘कल, राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी से बात की. पश्चिम एशिया में सुरक्षा और मानवीय स्थिति पर चर्चा की. हम आतंकवाद, हिंसा और नागरिकों के जीवन के नुकसान के बारे में चिंताओं को साझा करते हैं. हम शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली और मानवीय सहायता मुहैया कराने पर सहमत हैं.’’
प्रधानमंत्री मोदी की अस सिसी से यह बातचीत उस अपील के कुछ दिन बाद हुई है जिसमें मिस्र के राष्ट्रपति ने कहा था कि विश्व समुदाय को गाजा संघर्ष को बढ़ने से रोकना चाहिए.
उन्होंने कहा था कि पूरा क्षेत्र ‘टाइम बम’ पर बैठा है.
इससे पहले, रविवार को मिस्र के राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति अल-सिसी ने “गाजा पट्टी में इजरायली सैन्य अभियानों” के ताजा घटनाक्रम और आगे बढ़ने के खतरे पर विचारों का आदान-प्रदान किया.
प्रवक्ता ने कहा कि कॉल के दौरान, अल-सिसी ने संघर्ष विराम के लिए क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के समन्वय के लिए मिस्र के निरंतर प्रयासों पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अल-सिसी ने पीएम मोदी के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान गाजा पट्टी पर जमीनी हमले के संभावित विनाशकारी मानवीय और सुरक्षा प्रभावों के प्रति भी सचेत किया.
प्रवक्ता ने कहा, “राष्ट्रपति ने संघर्ष विराम के लिए क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के समन्वय के लिए मिस्र के निरंतर प्रयासों पर जोर दिया, गाजा पट्टी पर जमीनी हमले के खतरनाक नतीजों, मानवीय और सुरक्षा के लिए चेतावनी दी, और तत्काल समाधान खोजने के लिए एकीकृत अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया. राजनयिक स्तर पर एक तत्काल मानवीय संघर्ष विराम लागू करना शामिल है जो नागरिकों के जीवन की रक्षा करता हो और मानवीय सहायता को तुरंत और बिना किसी रुकावट या बाधा के पट्टी में प्रवेश करने की अनुमति देता हो, इस संबंध में 27 अक्टूबर शाम को संयुक्त राष्ट्र महासभा जारी किया गया था.“
मिस्र के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता काउंसलर अहमद फहमी ने कहा कि राष्ट्रपति अल सिसी ने पुष्टि की है कि मिस्र संघर्ष विराम तक पहुंचने के लिए क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के समन्वय की अपनी पहल को आगे बढ़ा रहा है.
बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने गाजा पट्टी में जमीनी हमले के गंभीर मानवीय और सुरक्षा परिणामों के बारे में चेतावनी दी.
बयान के मुताबिक अल सिसी ने राजनयिक स्तर पर एक त्वरित समाधान खोजने के लिए एकीकृत अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया जो नागरिकों के जीवन की रक्षा करने वाले तत्काल मानवीय संघर्ष विराम को मजबूत करता हो.
उन्होंने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र महासभा में 27 अक्टूबर को अपनाए गए प्रस्ताव के अनुसार होना चाहिए जिसमें गाजा पट्टी को मानवीय सहायता के तात्कालिक, स्थायी और निर्बाध पहुंच की बात की गई है.
बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति अल सिसी और प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों और रणनीतिक साझेदारी के उत्कृष्ट स्तर पर संतोष व्यक्त किया.
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