नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसदों से कहा कि सदन में उन्हें अनिवार्य रूप से उपस्थिति दर्ज करानी चाहिए भले ही महत्वपूर्ण विधेयक सूचीबद्ध हों या ना हों क्योंकि लोगों ने अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए उन्हें चुनकर संसद में भेजा है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री ने यह बात कही.
इस बैठक में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा के लिए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा सहित अन्य आदिवासी सांसदों ने प्रधानमंत्री का अभिनंदन भी किया.
सूत्रों के मुताबिक, संसद में बीजेपी सदस्यों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बच्चों को बार-बार टोका जाए तो उन्हें भी अच्छा नहीं लगता है…अपने आप में परिवर्तन लाइए, नहीं तो परिवर्तन वैसे ही हो जाता है.’
सूत्रों ने बताया कि उन्होंने सभी सांसदों को संसद सत्र के दौरान सदन में अनिवार्य रूप से मौजूद रहने का निर्देश दिया.
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संसद के शीतकालीन सत्र में यह बीजेपी संसदीय दल की पहली बैठक थी. आमतौर पर बीजेपी संसदीय दल की बैठक संसद परिसर स्थित लाइब्रेरी बिल्डिंग में होती है लेकिन वहां जारी मरम्मत कार्य के चलते पहले हफ्ते संसदीय दल की बैठक नहीं हो सकी थी.
आज की बैठक आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में हुई जिसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित अन्य नेता मौजूद रहे.
सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग के दौरान पीएम मोदी ने आगरा के एमपी, एस.पी. सिंह बघेल को स्पोर्ट कार्यक्रम का सफल आयोजन करने के लिए तारीफ की.
मीटिंग के दौरान पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सभी सांसदों से कहा कि वो शीतकालीन सत्र के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र में जाएं और जिला समेत मंडल अध्यक्षों के साथ चाय पर चर्चा करें.
एक बीजेपी नेता ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि ‘जैसे ही नड्डा जी ने यह कहा पीएम मोदी ने तुरंत प्रतिक्रया देते हुए कहा कि 14 दिसंबर को वो अपने विधानसभा क्षेत्र वाराणसी में चाय के लिए जिला और मंडल अध्यक्ष को न्यौता भेजेंगे.’
बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि राज्यसभा के 12 निलंबित सदस्य अगर आज माफी मांग लेते हैं तो उनका निलंबन वापस ले लिया जाएगा.
बता दें कि इन सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर विपक्षी सदस्य संसद के दोनों सदनों में हंगामा कर रहे हैं और इसकी वजह से कामकाज बाधित हुआ है.
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी, अनिल देसाई और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं.
राज्यसभा के इन सदस्यों को मॉनसून सत्र के दौरान ‘अशोभनीय आचरण’ करने के कारण पिछले हफ्ते सोमवार, 29 नवंबर को आरंभ हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन, इस सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था.
नीलम पांडे के इनपुट से
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