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Thursday, 28 March, 2024
होमदेशसम्मेलन आयोजित कर रही है मोदी सरकार, वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी को लागू करने के लिए रियायतों पर जोर

सम्मेलन आयोजित कर रही है मोदी सरकार, वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी को लागू करने के लिए रियायतों पर जोर

स्वैच्छिक व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी अगस्त में लॉन्च की गई थी, लेकिन स्क्रैपिंग सुविधाओं और स्वचालित वाहन फिटनेस केंद्रों जैसा महत्वपूर्ण इनफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना, एक चुनौती साबित हो रहा है.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अगस्त में देश की पहली स्वैच्छिक व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी लॉन्च किए जाने के तीन महीने बाद, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय पॉलिसी को लागू करने के लिए, जरूरी इनफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने की दिशा में, राज्यों तथा केंद्र-शासित क्षेत्रों की सहायता के लिए, शुरुआती कदम उठाने लगा है.

नीति के अंतर्गत 1 जून 2024 से, 20 साल से ज्यादा पुराने ऐसे निजी वाहनों के पंजीकरण को अमान्य करने का प्रस्ताव है, जो फिटनेस टेस्ट पास नहीं कर पाएंगे. कमर्शियल वाहनों का पंजीकरण 1 अप्रैल 2023 से अमान्य कर दिया जाएगा, अगर वो 15 साल से पुराने होंगे.

हालांकि सड़क मंत्रालय ने पुराने और अनफिट वाहनों को स्क्रैप कराने के लिए, लोगों को कई तरह के प्रोत्साहन देने की मांग की है, लेकिन इसमें चुनौती है स्क्रैपिंग सुविधाओं और स्वचालित वाहन फिटनेस केंद्रों जैसा महत्वपूर्ण इनफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना, जो नीति के संचालन के लिए आवश्यक है, और जिसका उद्देश्य भारत के शहरों में बढ़ते वाहन प्रदूषण को कम करना है.

अभी तक केवल दो राज्यों- गुजरात और असम- ने वाहन स्क्रैपिंग सुविधाएं स्थापित करने के लिए, समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर दस्तखत किए हैं. गुजरात सरकार ऐसे करीब छह एमओयूज साइन कर चुकी है, जबकि असम ने एक ही किया है.

सड़क मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने, जो नाम नहीं बताना चाहते थे, कहा, ‘कोई भी आकर स्क्रैपिंग सुविधाएं और स्वचालित टेस्टिंग सेंटर स्थापित कर सकता है. राज्य हर संभव तरीके से निजी उद्यमियों के लिए आसानियां मुहैया कराएंगे, चाहे वो भार-रहित मुक्त भूमि मुहैया कराने की बात हो, या दूसरे वित्तीय प्रोत्साहन हों’.

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मंत्रालय ने 23 सितंबर को पंजीकृत स्क्रैपिंग सेंटर्स, और स्वचालित टेस्टिंग स्टेशंस स्थापित करने के लिए, नियम अधिसूचित किए.

जिन छह कंपनियों ने गुजरात सरकार के साथ एमओयू साइन किए हैं, उनमें से एक –सीएमआर कटारिया रीसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड- इसी महीने परियोजना के पहले चरण पर काम शुरू कर देगी. कंपनी ने खेड़ा में 7.5 एकड़ जमीन पट्टे पर ली है, जहां कुल 25 करोड़ रुपए की लागत से, एक पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) स्थापित की जाएगी.

भारत में फिलहाल केवल सात स्वचालित फिटनेस टेस्ट सेंटर, और दो अधिकृत वाहन स्क्रैपेज सेंटर मौजूद हैं.


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निवेशक सम्मेलन, प्रोत्साहन

सड़क मंत्रालय के अनुमानों के मुताबिक़, देश में फिलहाल 51 लाख हल्के मोटर वाहन 20 वर्ष से अधिक पुराने हैं, जबकि 34 लाख 15 साल से ज्यादा पुराने हैं.

अंदाजे के मुताबिक 17 लाख मध्यम और भारी वाहन ऐसे हैं, जो 15 साल से अधिक पुराने हैं, और फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना चल रहे हैं. इन वाहनों से न केवल वाहन प्रदूषण बढ़ता है, बल्कि सड़क सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है.

इस काम की गति बढ़ाने के लिए, सड़क मंत्रालय राज्यों तथा केंद्र-शासित क्षेत्रों (यूटी) में निवेशक सम्मेलन आयोजित कर रहा है, जिससे कि जागरूकता फैलाकर निवेशकों को, आरवीएसएफ तथा स्वचालित फिटनेस सेंटर्स स्थापित करने के आकर्षित किया जा सके. अभी तक गुजरात, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और आंध्र प्रदेश में, ऐसे निवेशक सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं.

पहले हवाला दिए गए अधिकारी ने कहा, ‘ऐसी सुविधाओं की स्थापना को गति देने के लिए, हम राज्य सरकारों के साथ बातचीत कर रहे हैं’.

लेकिन, अधिकारी ने आगे कहा कि इसमें बहुत चुनौतियां हैं. ‘निजी प्लेयर्स बाज़ार को लेकर आशंकित हैं. हम राज्यों से निजी प्लेयर्स को रियायतें देने के लिए कह रहे हैं’.

मोदी सरकार ने एक नेशनल सिंगल विण्डो सिस्टम भी स्थापित किया है, जहां स्क्रैपेज सेंटर्स या स्वचालित टेस्टिंग सुविधाएं स्थापित करने का इच्छुक कोई भी आवेदक, ज़रूरी दस्तावेज़ और फीस जमा करके, पंजीकरण के लिए आवेदन दे सकता है. राज्यों को 60 दिन के भीतर प्रस्ताव को मंज़ूरी देनी होगी.

सड़क मंत्रालय ने कुछ कड़े कदम उठाने का भी ऐलान किया है, जैसे 20 साल से ज्यादा पुराने निजी वाहनों के पंजीकरण की नवीनीकरण फीस को बढ़ाना, और वाहन फैलाने वाले वाहनों पर भारी ग्रीन टैक्स लगाना.

वाहन मालिकों को प्रोत्साहन देने के लिए, नीति में प्रस्ताव दिया गया है कि वाहन निर्माता ऐसे लोगों को 5 प्रतिशत छूट दें, जो अपने पुराने वाहन को स्क्रैप कराने के बाद, नए वाहन ख़रीदने आते हैं.

सड़क मंत्रालय ने राज्यों तथा केंद्र-शासित क्षेत्रों को एडवाइजरी भी जारी की हैं, जिनमें उनसे ऐसे ख़रीदारों को रजिस्ट्रेशन शुल्क तथा रोड टैक्स में छूट देने के लिए कहा गया है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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