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Friday, 22 November, 2024
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LIVE : ‘धारा 370 की वजह से जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार बढ़ा और विकास थम गया’

जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का प्रस्ताव पेश करने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया. लद्दाख बना केंद्र शासित प्रदेश.

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नई दिल्ली : धारा 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दी गई ‘विशेष स्थिति’ को खत्म कर दिया गया है. गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में सोमवार को इसकी घोषणा की. इस आदेश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हस्ताक्षर कर दिया है. यह अनुच्छेद जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देता है. प्रस्ताव के अनुसार, जम्मू एवं कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया जाएगा. इसमें जम्मू कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश रहेगा, वहीं लद्दाख दूसरा केंद्र शासित प्रदेश होगा.
शाह ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा होगी लेकिन लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी. उन्होंने कहा कि यह कदम सीमा पार आतंकवाद के लगातार खतरे को देखते हुए उठाया गया है.अमित शाह के बयान के बीच हंगामे के चलते सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी गई.

उन्होंने अलग से बयान देते हुए कहा कि सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर को दो अलग केंद्र शासित राज्यों- जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने का संकल्प पेश किया. शाह ने कहा, ‘यह कदम सीमा पार आतंकवाद के बढ़ते खतरे को देखते हुए लिया गया है.

शाह ने लद्दाख संभाग के साथ राज्य के विभाजन का भी ऐलान किया, जो अब बिना विधायिका के केंद्र शासित प्रदेश बन जाएगा और जम्मू और कश्मीर एक विधायिका के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश होगा. शाह ने यह भी कहा कि लंबे समय से लद्दाख के लोगों की मांग थी कि लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग किया जाए.

LIVE UPDATE:

– गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘हम धर्म की राजनीति में विश्वास नहीं करते हैं, वोटबैंक की राजनीति क्या है? कश्मीर में केवल मुसलमान रहते हैं? तुम क्या कहना चाहते हो? मुस्लिम, हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध सभी वहां रहते हैं. यदि 370 अच्छा है तो यह सभी के लिए अच्छा है, यदि यह बुरा है तो यह सभी के लिए बुरा है.

-राज्यसभा में अमित शाह ने कहा, ‘मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को बताना चाहता हूं कि राज्य को 370 और 35A का क्या नुकसान हुआ है. यह इन वर्गों के कारण है कि लोकतंत्र को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया था, राज्य में भ्रष्टाचार बढ़ गया था, कोई भी विकास नहीं हो सकता था.

-सरकार ने आर्टिकल 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन की योजना बनाने के दौरान स्थानीय पुलिस और प्रशासन द्वारा अवज्ञा किए जाने समेत सभी आकस्मिक अड़चनों को ध्यान में रखा था.

राज्यसभा के बाद लोकसभा में भी जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संकल्प पेश, मंगलवार को होगी चर्चा

गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा के बाद लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संकल्प रखा. संकल्प रखते समय विपक्ष ने सदस्यों ने हंगामा करना शुरु कर दिया. इस पर गृहमंत्री शाह ने कहा कि इस बिल पर आज चर्चा नहीं होगी. कल आप जितना समय लेना हौ उतना समय ले सकते हैं. मैं हर सदस्य के सवालों के जवाब दूंगा.

धारा 370 की समाप्ति पर कश्मीरी पंडितों में चौतरफा खुशी- बांटी मिठाई

जम्मू कश्मीर में धारा 370 की समाप्ति पर कश्मीरी पंडितों ने जमकर खुशियां मनाई. गुरुग्राम साइबर सिटी में विस्थापित कश्मीरियों ने मिठाई बांट कर खुशी का इजहार किया.

क्या यही है भाजपा का- सबका साथ-सबका विकास 

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि इस तरह का फैसला लेने से पहले सत्तापक्ष ने कभी किसी भी विपक्ष लेने से सलाह तक या बातचीत करना तक उचित नहीं समझा. क्या यही है भाजपा का सबका साथ सबका विकास.

इतिहास आपको को गलत साबित कर देगा: चिदंबरम

कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने राज्यसभा में कहा कि यह क्षणभर के लिए आप सोच सकते है कि आपने जीत हासिल कर ली है. लेकिन आप गलत कर रहे हैं. इतिहास आपको गलत साबित कर देगा. आने वाली पीढ़ियों को एहसास होगा कि आज ये सदन कितनी गंभीर गलती कर रहा है.

राज्यसभा में बोले गुलाम नबी आज़ाद- आपने कश्मीरियों का भरोसा तोड़ा है

-गुलाम नबी आज़ाद ने राज्यसभा में यह भी कहा, ‘शर्मनाक है कि आपने जम्मू-कश्मीर को एक उप-राज्यपाल बनाकर एक गैर-इकाई में बदल दिया है, ताकि आप यहां (दिल्ली) से ही वहां चपरासी और क्लर्क की भी नियुक्ति कर सकें.

-गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस, नेता प्रतिपक्ष ने धारा 370 के समाप्त किए जाने के बाद सदन में काफी नाराज नजर आए. उन्होंने कहा कि आप तो नया शहर देश बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के नक्शे से कश्मीर को हटा दिया है लेकिन आज आपने कश्मीरियों का भरोसा तोड़ दिया है. कश्मीरियों ने कभी किसी को पराया नहीं माना, हिन्दुस्तान के साथ रहना स्वीकार किया था, हिन्दू लोगों के साथ रहना तय किया था, जिन्होंने जवाहरलाल नेहरू पर भरोसा किया था, सरदार पटेल पर भरोसा किया था.

-मुझे पूरे देश से और जम्मू कश्मीर से कई फोन आ रहे थे, कोई कह रहा था कि जंग हो रही है, कोई कह रहा था कि धारा 35ए हटाई जा रही है. कोई बोला था विभाजन हो रहा है लेकिन आज अचानक से जो विस्फोट हुआ कि जिन एक-एक चीजों के लिए आशंकाएं महसूस की जा रहीं थी, जबसे पैरा-मिलिटरी की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की जा रही थीं, अस्पतालों में अडवाइजरी जारी की जा रही थी, अमरनाथ यात्रियों को वापस बुलाने की अडवाइजरी, जो अडवाइजरी में नहीं था वहां एनआईआईटी के छात्रों को वापस बुलाया जा रहा था, 1 हफ्ते से कश्मीर घाटी में आतंक का माहौल बना हुआ था.

गृहमंत्रालय ने देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को किया सतर्क, कश्मीरी छात्रों का विशेष ध्यान रखने के आदेश

गृहमंत्रालय ने देश के मुख्य सचिव और डायरेक्टर जेनरल ऑफ पुलिस को सभी राज्यों और यूनियन टेरीटरी, कमिश्नर ऑफ पुलिस दिल्ली सहित सभी को आदेश जारी कर सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने को कहा है. वहीं गृहमंत्रालय ने देशभर के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों का विशेष ध्यान रखा जाए.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल आज जाएंगे जम्मू कश्मीर

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल अन्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ कश्मीर घाटी जा सकते हैं. वह वहां के वास्तविक स्थिति को देखने समझने के लिए वहां जाएंगे. डोवाल पिछले हफ्ते जुलाई में श्रीनगर गए थे और तभी उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाए जाने और नया कानून लागू करने को लेकर इशारा किया था.

भाजपा के नेताओं ने किया 370 के समाप्ती का समर्थन

जम्मूकश्मीर के सम्बंध में भारत सरकार द्वारा उठाए गए साहसिक कदमों का हम समर्थन करते हैं। हमें विश्वास है कि इससे जम्मूकश्मीर सहित सम्पूर्ण देश के विकास का मार्ग प्रसस्त होगा। भारत की जनता सरकार के इस कदम का दृढ़ता से समर्थन करेगी.
आलोक कुमार , कार्याध्यक्ष, विश्व हिंदू परिषद

मैं खुश हूं की सरकार ने आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला किया है. मेरा मानना है कि ये एक साहसिक कदम है जो राष्ट्रीय एकता के लिए बड़ा कदम होगा.
जन संघ के दिनों से ही धारा 370 को हटाना भाजपा के मूल विचारधारा का अंग था. मैं प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को इस ऐतिहासिक कदम के लिए बधाई देता हूं. मैं जम्मू कश्मीर और लद्दाख में शांति, संमृद्धि और प्रगति की कामना कर रहा हूं.

लाल कृष्ण आडवानी

सरकार के साहसपूर्ण कदम का हम हार्दिक अभिनंदन करते हैं. यह जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश के हित के लिए अत्यधिक आवश्यक था.
सभी को अपने स्वार्थों एवं राजनीतिक भेदों से ऊपर उठकर इस पहल का स्वागत और समर्थन करना चाहिये.

मोहन भागवत, सरसंघचालक, सुरेश (भय्याजी) जोशी, सरकार्यवाह

बहुत साहसिक और ऐतिहासिक निर्णय. श्रेष्ठ भारत – एक भारत का अभिनन्दन.

सुषमा स्वराज

पाकिस्तान में मची खलबली, विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा -‘हम कश्मीरियों के साथ’

अनुच्छेद 370 के खत्म किए जाने पर पाकिस्तान में खलबली मच गई है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मोहम्मद क़ुरैशी ने अनुच्छेद 370 ख़त्म करने पर कहा, ‘भारत ने बहुत ख़तरनाक खेल खेला है. इसका असर बहुत भयानक हो सकता है.

शाह ने यह भी कहा कि हमारे प्रधानमंत्री इमरान ख़ान पूरे मामले को समाधान की तरफ़ ले जाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन भारत ने इस फ़ैसले को और जटिल बना दिया है.

उन्होंने कहा कि हमारे कश्मीरी भाइयों को कैद में रखा जा रहा है. हम बार बार इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में भी उठाया था, यही नहीं इस मामले को हमने इस्लामिक देशों को भी सूचना दी गई है. कुरैशी ने आगे कहा कि सभी मुसलमान कश्मीरियों के लिए दुआ करें और उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि पाकिस्तानी कौम पूरी तरह से कश्मीरियों के साथ है.

-डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने धारा 370 के हटाए जाने का विरोध करते हुए कहा, जम्मू कश्मीर के लोगों से बिना बात किए हुए धारा 370 को हटाया गया है. प्रजातंत्र को मारा गया है. एआईएडीएम के भी उस फैसले का समर्थन कर रहा है जो निंदनीय है

-अनुच्छेद 370 और भारत सरकार द्वारा घोषित अन्य निर्णयों के हटाने के बाद भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है.

-शिवसेना के सांसद संजय राउत ने राज्यसभा में कहा, ‘इस फैसले से पूरी दुनिया में उत्साह का माहौल है . धारा 370 को खत्म करना भस्मासुर को खत्म करने जैसा है. 70 साल से रुका हुआ फैसला आज लिया गया है.

-राउत ने कहा, ‘जो लोग कहते थे कि जो जम्मू कश्मीर को हाथ लगाए वह हाथ जल जाएगा. अब जला कर दिखाईये. आज 5 अगस्त हमारे इतिहास में याद रखा जाएगा. आज हमने जम्मू कश्मीर को लिया है, कल पाक अधिकृत कश्मीर लेंगे. अखंड भारत का सपना पूरा करेंगे.’

-बीएसपी के सांसद सतीश मिश्रा ने कहा, ‘हम इस बिल का समर्थन करते है. इस बिल के आने के बाद देश के अन्य लोग भी वहां जाकर प्रापर्टी खरीद सकते है.’

-भारत सरकार द्वारा घोषित अनुच्छेद 370 और अन्य निर्णयों को रद्द करने पर नेशनल कांफ्रेंस के वाइस प्रसिडेंट और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,’ ये निर्णय एक तरफा, गैर कानूनी और असंवैधानिक है और नेशनल कांफ्रेंस इसको चुनौती देगी. एक लंबी और कड़ी लड़ाई आगे है, हम उसके लिए तैयार हैं.

-अब्दुल्ला ने अपने बयान में यह भी कहा, ‘भारत सरकार ने एक तरफा और चौंकाने वाले निर्णयों में जम्मू और कश्मीर के लोगों के उस विश्वास को धोखा दिया है जिससे राज्य ने 1947 में भारत में शामिल होने का फैसला किया था. इन निर्णयों के दूरगामी और खतरनाक परिणाम होंगे.’

-‘यह राज्य की जनता के खिलाफ आक्रमण की कार्यवाही है.’

-भारत सरकार ने झूठ और धोखे का हाल के सप्ताह में सहारा लिया और ये विनाशकारी निर्णय लिया. हमारे सारे डर दुर्भाग्यपूर्ण रूप से सच हो गए है. भार सरकार और उसके जम्मू कश्मीर में प्रतिनिधियों ने हमसे धोखा किया कि कुछ बड़ा करने की योजना नहीं है.

-गृहमंत्री अमित शाह के बिल पर बोलते समय विपक्षी सदस्य भाजपा और मोदी के खिलाफ नारेबाजी करते रहे.

-अमित शाह ने सदन में हो रहे हंगामे पर विपक्षी सदस्यों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग चर्चा में शामिल हों. मैं सभी के चर्चा सुनकर उनकी शंका के जवाब देने के लिए तैयार हूं.

-जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने धारा 370 हटाए जाने पर लगातार एक के बाद एक कई ट्वीट किए. उपमहाद्वीप के लिए इसके भयावह परिणाम होंगे. भारत सरकार के इरादे स्पष्ट हैं. वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को आतंकित करके राज्य पर कब्जा करना चाहते हैं. भारत ने अपने वादों को निभाने कश्मीर में फेल हो चुका है.

-महबूबा ने दूसरे ट्वीट में लोगों को अगाह किया कि राज्य के नेताओं की पहले से ही घर में गिरफ्तारी हो रही है और पर्यटकों को आने नहीं दिया जा रहा है. मुझे नहीं पता है कि अब मैं कब बात कर पाऊंगी. क्या यह वही भारत है जिसके हम आदी हैं ?

-बहुजन समाज पार्टी ने धारा 370 पर मोदी सरकार के इस प्रस्ताव का राज्सभा में समर्थन किया है.


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  • पीडीपी के राज्यसभा सांसद नज़ीर अहमद और एमएम फयाज़ ने विरोध स्वरूप संसद परिसर में संविधान को फाड़ने की कोशिश की वहीं एमएम फयाज़ ने कुर्ता फाड़ कर प्रदर्शन किया.

-पीडीपी के तीन सदस्यों ने राज्यसभा में संविधान की कॉपी को फाड़ दी. इस पर गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘हम जैसे लोगों ने संसद को लोकतंत्र का मंदिर मानकर उसमें आस्था जताई थी, लेकिन हमारे साथ धोखा हुआ है. जम्मू कश्मीर के जिन लोगों ने संविधान में आस्था नहीं दिखाई थी. कश्मीर मसले को सुलझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ले गए उनकी बात सही साबित हुई है. यह कश्मीरियों द्वारा महसूस किए जा रहे अलगााव की भावना को और बढ़ाएगा.’
आजाद ने यह भी कहा, ‘आज भाजपा ने संविधान की हत्या की है.’

-गुलाम नबी आजाद के बयान पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्य में लोगों को सुविधाएं नहीं मिल रही है. वहां भ्रष्टाचार पनप रहा है. कुछ परिवारों ने जम्मू कश्मीर को वर्षो तक लूटा है. मैं सदन को विश्वास दिलाना चाहता हूं हम विपक्ष के सारे आरोपों पर चर्चा के लिए तैयार है.

-सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का प्रस्ताव पेश करने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया. लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने राज्य का पुनर्गठन का प्रस्ताव भी पेश किया. शाह ने उच्च सदन में कुल 4 संकल्प और दो बिल पेश किए.
पीएम मोदी जल्द ही सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे. 7 अगस्त को पीएम राष्ट्र के नाम संबोधन भी कर सकते है.
संकल्प और बिल प्रस्तुत के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. राज्यसभा में अमित शाह के बिल प्रस्तुत करने पहले कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर की स्थिति का मसला उठाया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को हाउस अरेस्ट किया गया है. ऐसे में गृह मंत्री को घाटी की स्थिति पर बयान देना चाहिए.
इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वह हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं. लेकिन उन्हें पहले बिल और संकल्प प्रस्तुत करने दे. इसके बाद भी विपक्ष के सदस्यो ने वेल में आकर हंगामा करना शुरु कर दिया. हंगामे के बीच ही गृहमंत्री ने बिल और संकल्प प्रस्तुत किए.

राम माधव ने ट्वीट करते हुए कहा कि क्या शानदार दिन है. जम्मू-कश्मीर के भारतीय संघ में एकीकरण के लिए डॉ श्याम प्रसाद मुखर्जी के साथ शुरू हुई हजारों लोगों की शहादत को सम्मानित किया जा रहा है.

क्या है धारा 370

अनुच्छेद 370 की वजह से ही जम्मू-कश्मीर का अपना अलग झंडा और प्रतीक चिह्न भी है. हालांकि 370 में समय के साथ-साथ कई बदलाव भी किए गए हैं. 1965 तक वहां राज्यपाल और मुख्यमंत्री नहीं होता था लेकिन संविधान में संशोधन के बाद इसका प्रावधान किया गया. इसकी मंजूरी तत्कालीन राज्य सरकार ने भी दे दी थी.

आर्टिकल 35 ए के हटने से ये लाभ मिल सकेंगे जो अभी तक नहीं मिल पाते थे

कोई भी गैरकश्मीरी व्यक्ति कश्मीर में जमीन खरीद नहीं सकता था. लेकिन आर्टिकल 35 के हटने से अब कोई भी जमीन खरीद सकता है.

अगर जम्मू और कश्मीर की कोई लड़की किसी बाहर के लड़के से शादी कर लेती है तो उसके सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं, साथ ही उसके बच्चों के अधिकार भी खत्म हो जाते हैं अब 35 ए के हटने से ऐसा नहीं होगा.

अगर राज्य सरकार किसी कानून को अपने हिसाब से बदलती है तो उसे किसी भी कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है.

कोई भी बाहरी व्यक्ति राज्य में व्यापारिक संस्थान खोल सकता है.

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