नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच हाल ही में इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर हुई मुलाकात पर व्हाइट हाउस का बयान भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से पूर्व में जारी बयान से अलग नजर आ रहा है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे से सोमवार को बाइडन की तरफ से भारत में अमेरिकी राजदूत के तौर पर चुने गए एरिक गार्सेटी के नाम पर मुहर लगने में हो रही देरी के संदर्भ में भारत-अमेरिकी संबंधों की अहमियत के बारे में पूछा गया था.
इस पर जीन-पियरे ने रिपोर्टरों को बताया, ‘भारत से रिश्ता हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. आपने…पिछले हफ्ते राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री मोदी का अभिवादन करते और बहुत संक्षिप्त मुलाकात करते देखा ही होगा, जब वह बाली में थे.’
गौरतलब है कि जी-20 शिखर सम्मेलन 15 और 16 नवंबर को बाली, इंडोनेशिया में आयोजित किया गया था.
उनकी यह टिप्पणी विदेश मंत्रालय की तरफ से 15 नवंबर को मोदी और बाइडन के बीच जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर हुई मुलाकात पर एक विस्तृत बयान जारी किए जाने के एक हफ्ते बाद आई है. उस बयान में कहा गया था कि अन्य बातों के अलावा द्विपक्षीय संबंधों की ‘समीक्षा’ की गई.
बयान के मुताबिक, ‘उन्होंने आने वाले समय में महत्वपूर्ण रहने वाले उभरती प्रौद्योगिकियों, उन्नत कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि क्षेत्रों में सहयोग सहित भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने की समीक्षा की. साथ ही क्वाड, आई2यू2 जैसे नए समूहों में भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ सहयोग पर संतोष जताया.’
इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने विभिन्न वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर भी चर्चा की और मोदी ने भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में ‘निरंतर समर्थन’ के लिए बाइडेन का आभार भी जताया.
बयान में यह भी कहा गया है, ‘(मोदी ने) भरोसा जताया कि दोनों देश भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान घनिष्ठ समन्वय बनाए रखेंगे.’
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बाइडन-मोदी-विडोडो की मुलाकात पर व्हाइट हाउस, विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
व्हाइट हाउस ने शिखर सम्मेलन में केवल बाइडन और मोदी की मुलाकात को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है, लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री और इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति की बैठक पर जरूर बयान जारी किया है.
व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, 15 नवंबर को तीनों नेताओं ने अन्य बातों के अलावा स्थायी और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने और मौजूदा जलवायु, ऊर्जा और खाद्य संकट से निपटने के लिए ‘प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने में अपनी सामूहिक क्षमता के प्रदर्शन’ के लिए जी-20 की आवश्यकता पर चर्चा की.
वाशिंगटन के बयान में यह भी कहा गया है कि बाइडेन ने जी-20 अध्यक्ष के तौर पर इंडोनेशिया के प्रयासों को बधाई दी और कहा कि देश की कुछ पहलों ने भारत की अध्यक्षता में जी-20 के लिए स्वास्थ्य-वित्त सहयोग आगे बढ़ाने की नींव रखने में मदद की है.
बयान में कहा गया है, ‘वह (बाइडेन) भारत की अध्यक्षता में जी-20 के काम का समर्थन जारी रखने को तत्पर हैं.’
हालांकि, त्रिपक्षीय बैठक पर विदेश मंत्रालय के बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा, उसका ब्योरा दिया गया है.
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘पीएम मोदी ने इस पर जोर दिया कि भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान अन्य विकासशील देशों को आवाज देगा.’
(अनुवाद: रावी द्विवेदी | संपादन: कृष्ण मुरारी)
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