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Wednesday, 24 April, 2024
होमदेश10 महीने बाद कल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मोदी और शी जिनपिंग फिर एक-दूसरे का 'सामना' करेंगे

10 महीने बाद कल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मोदी और शी जिनपिंग फिर एक-दूसरे का ‘सामना’ करेंगे

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का फोकस, कोविड के सहयोग के अलावा, अफगानिस्तान में नई तालिबान कार्यवाहक सरकार और वहां के विकास के लिए की जा रही सहायता को चैनलाइज़ करना होगा.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग वर्चुअल मीटिंग में एक बार फिर आमने-सामने होंगे. पीएम मोदी के निमंत्रण पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग बृहस्पतिवार को होने वाले 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को यहां घोषणा की.

अप्रैल और मई 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सीमा गतिरोध शुरू होने के बाद से यह दूसरी बार होगा जब दोनों नेता बहुपक्षीय मंच पर एक साथ होंगे.

गलवान में हुए गतिरोध जिसमें 20 भारतीय सैनिकों की जान चली गई थी के बाद दोनों नेता आखिरी बार नवंबर 2020 में वर्चुअली एक साथ आए थे.

सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में सीमा गतिरोध पर चर्चा नहीं होगी क्योंकि यह नई दिल्ली और बीजिंग के बीच एक द्विपक्षीय मामला है. हां इस मुद्दे को रूस जैसे देश सुरक्षा चिंता के मद्देनजर छू सकते हैं जो दोनों का पार्टनर है. और इसलिए भी क्योंकि मॉस्को दोनों के बीच के गतिरोध को सुलझाने की कोशिश कर रहा है.

सूत्रों ने कहा कि अफगानिस्तान में उभरती स्थिति और नई कार्यवाहक सरकार ने मंगलवार को घोषणा और आतंकवाद के खिलाफ ब्रिक्स एजेंडे के तहत मुख्य चर्चा बिंदुओं में से एक हो सकती है.

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नई दिल्ली में मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने बताया कि मोदी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के नेताओं की वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करेंगे. भारत इस साल ब्रिक्स का अध्यक्ष है. इससे पहले 2012 में भारत ने इसकी अध्यक्षता की थी.

शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो भी भाग लेंगे.

चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यहां बताया कि राष्ट्रपति शी बृहस्पतिवार को होने वाले 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में वीडियो लिंक के जरिए भाग लेंगे. इस शिखर सम्मेलन की थीम ‘निरंतरता, एकीकरण और आम सहमति के लिए अंतर-ब्रिक्स सहयोग’ होगी.

भारत ने बहुपक्षीय व्यवस्था में सुधार, आतंकवाद विरोधी कदम, सतत विकास लक्ष्य हासिल करने के लिए डिजिटल और प्रौद्योगिकी उपकरणों का इस्तेमाल करने और लोगों के बीच परस्पर संचार को बढ़ाने समेत प्राथमिकता वाले चार क्षेत्रों पर जोर दिया है. इसके साथ ही नेता कोविड-19 महामारी के असर और अन्य वैश्विक तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार साझा करेंगे.

इस साल शिखर सम्मेलन संयोग से ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ के मौके पर हो रहा है. यह दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे. इससे पहले उन्होंने 2016 में गोवा में शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे.

( नयनिमा बासु और भाषा के इनपुट्स के साथ)


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