मुंबई: एयर इंडिया की फ्लाइट 171 के 12 क्रू मेंबर्स के लिए गुरुवार का दिन किसी आम दिन जैसा ही था। उन्होंने एक और उड़ान भरने और लंबी दूरी की यात्रा के लिए तैयारी की.
किसी को अंदाजा नहीं था कि यह उनकी आखिरी उड़ान होगी.
एक पल में हुए हादसे में, जिसमें 230 यात्रियों में से सिर्फ एक ही बच पाया, सभी क्रू मेंबर्स की ज़िंदगी और उनके सपने भी खत्म हो गए। उनमें से आठ मुंबई के थे.
इन्हीं में से एक थे कैप्टन सुमीत सभरवाल, जिनके पास लगभग तीन दशक की उड़ान का अनुभव था.
कुछ दिन पहले ही सभरवाल ने अपने पिता से, जो डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) से रिटायर हुए हैं, कहा था कि वह अपनी नौकरी छोड़कर उनका पूरा ध्यान रखेंगे.
लेकिन 55 साल के पवई निवासी, 8,200 उड़ान घंटों वाले इस अनुभवी पायलट के लिए यह मुमकिन नहीं हो पाया.
सभरवाल 1990 के दशक की शुरुआत से पायलट थे. उनके दो भतीजे भी पायलट हैं. वह अविवाहित थे और उनके पीछे उनके पिता हैं.
“परिवार बात करने की स्थिति में नहीं है,” शिवसेना विधायक (चांदीवली) दिलीप लांडे ने शुक्रवार को परिवार से मिलने के बाद मीडिया को बताया.
सभरवाल के को-पायलट फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर, 32 साल के थे और उनके करियर की राह अभी लंबी थी.
कुंदर ने पांच साल पहले एयर इंडिया जॉइन किया था और पहले ही 1,100 घंटे की उड़ान पूरी कर चुके थे.
कई मायनों में कुंदर ने उड़ानों की दुनिया में जन्म ही लिया था—उनकी मां फ्लाइट अटेंडेंट थीं और वह मुंबई के सांताक्रूज इलाके में एयर इंडिया कॉलोनी, कालिना में पले-बढ़े.
कालिना के ‘आवर लेडी ऑफ इजिप्ट चर्च’ के सदस्य रहे कुंदर अविवाहित थे और अभिनेता विक्रांत मैसी के पारिवारिक मित्र भी थे.
बाकी क्रू के भी अपने-अपने सपने और कहानियां थीं.
जैसे कि रोशनी सोंघरे, जिन्होंने बचपन का सपना पूरा किया—फ्लाइट अटेंडेंट बनने का.
26 साल की रोशनी की मां ने अलग-अलग घरों में काम करके अपनी बेटी का सपना पूरा करने में मदद की. उनके पिता टेक्नीशियन थे.
“उसका सिर्फ एक ही सपना था. और उसके माता-पिता ने उसे पूरा किया. हम सबने उसे सपोर्ट किया. और जब वह एयर होस्टेस बनी तो सबसे ज़्यादा खुश थी,” उनके मामा प्रवीण सुखदरे ने कहा.
डोंबिवली निवासी रोशनी ने अपने करियर की शुरुआत स्पाइसजेट से की थी और पिछले साल ही एयर इंडिया जॉइन की थी.
वह एक साधारण परिवार से थीं और शुरुआत में 10×10 फीट के छोटे कमरे में रहीं, बाद में एक बीएचके फ्लैट में शिफ्ट हुईं. उनके छोटे भाई एक शिप पर काम करते हैं.
उन्होंने दो दिन पहले ही एक धार्मिक कार्यक्रम के लिए अपने गांव का दौरा किया था.
“हमारे लिए भी यह बहुत ही चौंकाने वाला था,” उनके चाचा दत्ता सोंघरे ने मीडिया को बताया. उन्होंने यह भी कहा कि परिवार उनकी शादी अगले साल की शुरुआत में करने की सोच रहा था.
एयर इंडिया में प्रेम विवाह
फ्लाइट अटेंडेंट अपर्णा महाडिक, 40 साल की सीनियर फ्लाइट अटेंडेंट थीं और उनका एयर इंडिया से लंबा नाता रहा.
उनकी शादी एयर इंडिया के ही एक अन्य क्रू मेंबर, अनमोल से हुई थी, जिनसे उनकी मुलाकात काम के दौरान हुई थी.
“पति-पत्नी दोनों एयर इंडिया में ही थे. दोनों की लव मैरिज थी और वे एयर इंडिया में काम करते हुए मिले थे,” एनसीपी नेता सुनील तटकरे के भतीजे संजय तटकरे ने बताया. अपर्णा, सुनील तटकरे की बहन की बहू थीं.
अपर्णा के पीछे उनके पति और 8 साल की बेटी हैं। दोनों की शादी 2013 में हुई थी.
एक और युवा फ्लाइट अटेंडेंट, 22 साल की मैथिली पाटिल भी अपने करियर की उड़ान भरने की तैयारी कर रही थीं.
उन्होंने पनवेल के न्हावा गांव से एक लंबा सफर तय किया था. वह गांव की पहली एयर होस्टेस थीं. उन्होंने सिर्फ दो साल पहले काम शुरू किया था और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भरनी सिर्फ दो महीने पहले शुरू की थीं। यह उनकी सातवीं इंटरनेशनल फ्लाइट थी.
उनके सभी परिजन डीएनए जांच और पहचान के लिए अहमदाबाद गए हैं.
बाकियों की तरह, दीपक पाठक, जो मिड-30 के थे, ने भी अपनी जिंदगी उड़ानों के इर्द-गिर्द बनाई थी. बदलगांव के रहने वाले दीपक पिछले 11 सालों से एयर इंडिया के क्रू का हिस्सा थे.
दीपक सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव थे. उनकी शादी चार साल पहले हुई थी. वह अपनी हर उड़ान की जानकारी पोस्ट करते थे. उनका फेसबुक प्रोफाइल उन्हें म्यूजिक लवर, एडवेंचरस और भक्ति में लीन व्यक्ति के रूप में बताता है.
“उनकी आदत थी कि हर फ्लाइट की जानकारी वह हमें देते थे. हर दिन, वह मां को अपनी लोकेशन की खबर देते थे. उसी दिन भी उन्होंने गुड मॉर्निंग कहा और फ्लाइट के बारे में बताया,” उनकी बहन श्रुतिका शेजवाल ने मीडिया को बताया.
उनके दोस्त योगेश उबाले ने फेसबुक पर श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें “प्रेरणा और ज़िंदादिल” बताया.
उन्होंने लिखा, “एयर इंडिया में काम करते हुए तुम हमेशा गर्व से भरे रहते थे, और यह जानकर दिल टूट गया कि अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट हादसे में तुम हमें इस तरह छोड़ गए.”
अन्य क्रू मेंबर्स भी अपने पीछे परिवार और अधूरे सपने छोड़ गए.
कैबिन सुपरवाइजर श्रद्धा धवन, 44 साल की थीं और एयर इंडिया में सीनियर कैबिन सुपरवाइजर के रूप में काम कर रही थीं. उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने 21 साल पहले एयर इंडिया जॉइन किया था और तब से वहीं काम कर रही थीं.
वह मुलुंड की रहने वाली थीं. उनके पति राजेश भी एयर इंडिया में क्रू मेंबर हैं। उनके पीछे 13 साल की बेटी है.
साइनीता चक्रवर्ती, 35 साल की फ्लाइट अटेंडेंट थीं और जुहू-कोलीवाड़ा के मछुआरा गांव में रहती थीं. उन्हें प्यार से ‘पिंकी’ कहा जाता था. उन्होंने मुंबई के मानेकजी कूपर स्कूल और मिठीबाई कॉलेज से पढ़ाई की थी.
जांचकर्ता हादसे के कारणों की तलाश में लगे हैं, लेकिन उन परिवारों के सवालों का जवाब कोई जांच नहीं दे सकती, जिन्होंने अपने 12 अपनों को खो दिया.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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