नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पिछले महीने हुए आतंकी हमले के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किये जाने के बाद विभिन्न राज्यों में बुधवार को ‘मॉक ड्रिल’ की गयी।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच ‘नए और जटिल खतरे’ सामने आए हैं, जिसके बाद मंत्रालय ने यह निर्देश जारी किया था।
पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हो गयी थी, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।
भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में मंगलवार देर रात को पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किये।
झारखंड के छह राज्यों में सायरन बजने के बाद ‘मॉक ड्रिल’ की शुरुआत हुई।
अधिकारी ने बताया कि तीन घंटे का यह अभ्यास रांची, जमशेदपुर, बोकारो, गोड्डा और साहिबगंज में नागरिक सुरक्षा संगठनों के समन्वय से किया जा रहा है।
यह अभ्यास राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल ‘ऑपरेशन अभ्यास’ का हिस्सा है, जिसमें हवाई हमलों, आग लगने की आपात स्थितियों और खोज एवं बचाव कार्यों जैसे कई प्रतिकूल परिदृश्यों का अनुकरण किया गया।
रांची में, यह अभ्यास डोरंडा क्षेत्र में बूंदाबांदी के बीच किया गया, जो शाम सात बजे तक जारी रहने वाला है।
हरियाणा के सभी 11 जिलों में ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत ‘मॉक ड्रिल’ की गयी।
प्रदेश के गुरुग्राम, पंचकूला, अंबाला और रोहतक में व्यस्त शॉपिंग मॉल, बाजारों और अन्य प्रतिष्ठानों में अभ्यास किया गया।
राज्य के प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर भी यह अभ्यास किया गया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह विभाग) सुमिता मिश्रा ने बताया कि ‘मॉक ड्रिल’ 11 जिलों के लिए अनिवार्य थी और तैयारियों को मजबूत बनाने के लिए सभी जिलों में शाम चार बजे सायरन बजने के साथ शुरू करने का निर्णय लिया गया था।
हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस अभ्यास के साथ-साथ जनता से अनुरोध किया है कि वे शाम सात बजकर 50 मिनट से आठ बजे तक अपने घरों की सभी लाइटें बंद रखें।
महाराष्ट्र के मुंबई में छत्रपति शिवाजा महाराज टर्मिनल और दक्षिण मुंबई के क्रॉस मैदान में ‘मॉक ड्रिल’ की गयी।
छत्रपति शिवाजा महाराज टर्मिनल पर 26 नवंबर 2008 को आतंकियों ने हमला किया था।
टर्मिनल पर राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कर्मियों ने अलग-अलग और संयुक्त सुरक्षा अभ्यास भी किया।
मुंबई पुलिस ने बताया कि जीआरपी और रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) ने विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर रूट मार्च, गश्त और जांच की। यह अभ्यास अपराह्न करीब तीन बजे शुरू हुआ और करीब एक घंटे तक जारी रहा।
अधिकारियों ने बताया कि अभ्यास के दौरान, पीली टी-शर्ट पहने नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों ने समन्वय, प्रतिक्रिया समय और तत्परता का आकलन करने के लिए विभिन्न परिदृश्यों का अनुकरण किया।
वहीं दक्षिण मुंबई के क्रॉस मैदान में ठीक शाम चार बजे एक सायरन बजा, जिसके बाद ‘मॉक ड्रिल’ के हिस्से के रूप में हवाई हमले के दौरान नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन दल और चिकित्सकों की टीम ‘घायलों’ को बचाने के लिए दौड़ पड़ीं।
अभ्यास की शुरुआत एक नकली विस्फोट के बाद आग लगने से हुई।
नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों ने सबसे पहले प्रतिक्रिया दी और तुरंत इलाके की घेराबंदी कर दी।
जल्द ही, आग बुझाने के लिए दमकल कर्मी पहुंचे और उसके बाद चिकित्सा कर्मियों ने ‘घायलों’ को देखभाल के लिए पास के अस्पतालों में पहुंचाया।
कर्नाटक के बेंगलुरु में विभिन्न स्थानों पर ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत बड़े पैमाने पर ‘मॉक ड्रिल’ की गयी।
अधिकारियों के अनुसार, विभिन्न स्थानों पर अपराह्न तीन बजकर 48 मिनट पर सायरन बजने के तुरंत बाद नागरिक सुरक्षा कर्मी, पुलिस, अग्निशमन और आपातकालीन सेवा कर्मी हरकत में आ गए।
‘ड्रिल’ में आग लगने की स्थिति में बचाव अभियान, मलबे के नीचे से लोगों को निकालना, ऊंची इमारतों से लोगों को निकालना और चिकित्सा आपातकालीन सेवाएं शामिल थीं।
अभ्यास करीब आधे घंटे तक जारी रहा।
तेलंगाना के हैदराबाद में चार स्थानों पर पुलिस, अग्निशमन विभाग और आपदा प्रतिक्रिया बलों की भागीदारी में ‘मॉक ड्रिल’ की गयी।
यह अभ्यास सिकंदराबाद, गोलकुंडा, कंचन बाग और नचाराम एनएफसी क्षेत्र में किया गया।
अभ्यास की शुरुआत का संकेत देने के लिए आउटर रिंग रोड (ओआरआर) पर शाम चार बजे सायरन बजाए गए।
नागरिकों को घर के अंदर रहने, आश्रय लेने और छिपने का निर्देश दिया गया था।
बचाव कर्मियों ने रस्सियों का उपयोग करके इमारतों से लोगों को निकाला, चिकित्सा सहायता प्रदान की और ऑपरेशन के दौरान ‘घायलों’ को स्थानांतरित किया। शाम साढ़े चार बजे फिर से सायरन बजे और ‘मॉक ड्रिल’ समाप्त हुई।
वहीं तमिलनाडु के दो प्रमुख प्रतिष्ठानों में ‘मॉक ड्रिल’ की गयी ताकि आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपात स्थितियों से निपटने का अभ्यास किया जा सके।
कलपक्कम में मद्रास परमाणु ऊर्जा केंद्र और चेन्नई बंदरगाह के परिसर में अभ्यास किया गया।
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर और घायल व्यक्तियों को उपचार के लिए जल्दी से जल्दी ले जाने का अभ्यास किया गया।
अधिकारियों ने पहले ही बताया था कि इन दो महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में हवाई हमले जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए गतिविधियां की जाएंगी।
इन राज्यों के अलावा असम में सभी 14 जिलों, ओडिशा के सभी 12 जिलों, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और मिजोरम के आइजोल में मॉक ड्रिल की गयी तथा आपात स्थिति में किसी भी हालात से निपटने में आने वाली चुनौतियों के लिए अभ्यास किया गया।
भाषा जितेंद्र रंजन
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