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Friday, 3 May, 2024
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झारखंड में भीड़ के हमले में मारे जाने की घटनाएं लगातार जारी हैं : औवेसी

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(फोटो के साथ)

गिरिडीह (झारखंड), 30 अगस्त (भाषा) ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को झारखंड की हेमंत सोरेन नीत सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य में भीड़ के हमले में मारे जाने की घटनाएं लगातार जारी हैं तथा सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी इस मुद्दे पर चुप हैं।

डुमरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद अब्दुल मोबिन रिजवी के समर्थन में गिरिडीह में एक सार्वजनिक रैली में ओवैसी ने यह आरोप लगाया। इससे पहले, सोरेन ने दावा किया था 2019 में उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से झारखंड में भीड़ के हमले में मारे जाने की घटना नहीं हुई है।

ओवैसी ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री पर काम का बोझ है, इसलिए वह भूल जाते हैं। मैं उन्हें रामगढ़ जिले के सिकनी गांव में शमशाद अंसारी की हत्या की याद दिलाना चाहता हूं।’’

पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि अंसारी को इस साल 22 अगस्त को एक ग्रामीण से 22,000 रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में लोगों के एक समूह ने कथित तौर पर पीटकर मार डाला था।

औवेसी ने कहा कि अंसारी के परिवार के सदस्य न्याय के लिए लड़ रहे हैं। ओवैसी ने कहा, ‘‘उनका परिवार आज यहां मुझसे मिलना चाहता था लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें आने से रोक दिया।’’

एआईएमआईएम प्रमुख ने आरोप लगाया कि पीटकर हत्या की घटनाएं लगातार जारी हैं लेकिन मुख्यमंत्री कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस और राजद गठबंधन सहयोगी हैं लेकिन वे भी इस तरह के अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठाते हैं।’’

सोरेन ने 17 अगस्त को डुमरी विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘2019 से पहले का दृश्य देखें, जब भीड़ के हमले की घटनाओं में कुछ लोग मारे गए थे। 2019 के बाद भीड़ द्वारा पीटकर हत्या की एक भी घटना नहीं हुई है।’’

ओवैसी ने आरोप लगाया कि झारखंड को अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए केंद्र ने 155 करोड़ रुपये दिये थे लेकिन राज्य सरकार ने इस पर केवल 5 करोड़ रुपये ही खर्च किये हैं।

झारखंड में बेरोजगारी पर ओवैसी ने कहा कि राज्य के युवा नौकरियों के लिए मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और अन्य स्थानों पर पलायन कर रहे हैं क्योंकि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने यहां कोई कारखाना स्थापित नहीं किया है। ओवैसी ने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) स्वीकार्य नहीं है क्योंकि यहां कई धर्म और समुदाय हैं और सभी के अपने-अपने पर्सनल लॉ हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या केंद्र झारखंड जैसे आदिवासी राज्यों में यूसीसी लागू कर सकता है? इसे छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी लागू नहीं किया जा सकता है।’’

डुमरी सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान पांच सितंबर को होगा और वोटों की गिनती आठ सितंबर को होगी।

अप्रैल में पूर्व शिक्षा मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) विधायक जगरनाथ महतो के निधन के कारण उपचुनाव आवश्यक हो गया। झामुमो ने महतो की पत्नी बेबी देवी को ‘इंडिया’ गठबंधन का उम्मीदवार बनाया है, जबकि आजसू पार्टी ने यशोदा देवी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का उम्मीदवार बनाया है।

वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में महतो ने आजसू पार्टी की यशोदा देवी को 34,288 वोटों के अंतर से हराया था। एआईएमआईएम के रिजवी 24,132 वोटों के साथ चौथे स्थान पर रहे थे।

भाषा आशीष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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