गुवाहाटी, 18 जुलाई (भाषा) असम में कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और एक निर्दलीय विधायक समेत विपक्षी विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में राज्य सरकार द्वारा योजनाओं के आवंटन में भेदभाव का आरोप लगाया है।
इन सभी विधायकों ने सोमवार को इस संबंध में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को एक ज्ञापन सौंपा और कहा कि योजनाओं के आवंटन में उनके साथ जानबूझकर भेदभाव किया जा रहा है।
एमएमपीएनए के तहत नयी सड़कों, मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों, एसयूएचआरआईडी और कटाव विरोधी पहल जैसी कई योजनाओं का हवाला देते हुए विपक्षी विधायकों ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को वरीयता दी गई है और धनराशि के आवंटन में अधिक हिस्सा दिया गया है।
सरमा को सौंपे गए ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया, कांग्रेस नेता रकीबुल हुसैन, वाजेद अली चौधरी और कमलाख्या डे पुरकायस्थ, माकपा के मनोरंजन तालुकदार और निर्दलीय सदस्य अखिल गोगोई सहित कुल 25 विधायक शामिल थे।
उन्होंने कहा कि असम सरकार के हालिया फैसलों ने इस आम समझ को खत्म कर दिया है कि सभी समान हैं, और केवल उन निर्वाचन क्षेत्रों के विकास को प्रमुखता दी जा रही है, जिनमें सत्ताधारी दलों के विधायक हैं।
ज्ञापन में कहा गया है,‘‘ सरकार के मुखिया के रूप में आपके नेतृत्व में यह भेदभाव प्रशंसनीय नहीं है, और हम मांग करते हैं कि किसी भी सूरत में उन निर्वाचन क्षेत्रों के विकास से समझौता नहीं किया जाना चाहिए जहां विपक्षी दलों के विधायक हैं ।’’
ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘… आपकी सरकार की जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि वह सभी निर्वाचन क्षेत्रों को समान महत्व दे।’’विधायकों ने सरमा को असम विधानसभा परिसर के अंदर उनके कक्ष में ज्ञापन सौंपा।
भाषा रवि कांत नरेश
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