आइजोल, सात नवंबर (भाषा) मिजोरम के 65 वर्षीय एक सामाजिक कार्यकर्ता ने मतगणना की तिथि पुनर्निर्धारित करने की मांग पर निर्वाचन आयोग की ‘चुप्पी’ के खिलाफ मंगलवार को अनशन किया। मिजोरम में 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान जारी है।
निर्वाचन आयोग ने मतगणना का दिन तीन दिसंबर यानी रविवार तय किया है। ईसाई-बहुल राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने निर्वाचन आयोग से मतगणना की तिथि बदलने का आग्रह किया है क्योंकि रविवार को गिरजाघर के कार्यक्रम होते हैं।
लालबियाकथंगा ने निर्वाचन आयोग को भी इस मांग को लेकर पत्र लिखा है। उन्होंने अनशन के साथ अपना विरोध जताने के लिए मतदान का दिन चुना। वह आइजोल के मध्य में राज्य सरकार के स्वामित्व वाले सभागार ‘वनपा हॉल’ के सामने जा बैठे।
लालबियाकथंगा ने कहा, ‘‘अनशन सुबह 7 बजे शुरू हुआ और यह शाम 4 बजे तक जारी रहेगा, जब मतदान समाप्त होगा।’’ लालबियाकथंगा को ‘वॉक-ए-थॉन मैन’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि उन्होंने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता के लिए कई बार सैकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा की है।
लालबियाकथंगा ने कहा कि वह विरोध दर्ज कराने के लिए अपना वोट नहीं डालेंगे। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हालांकि मेरी बहुत इच्छा है कि मैं अपना वोट डालूं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैं ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि निर्वाचन आयोग मतगणना की तारीख बदलने की हमारी याचिका पर कोई कार्रवाई करने में विफल रहा।’’
मिजोरम में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित अन्य राजनीतिक दलों, चर्च और छात्र संगठनों ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर मतगणना की तारीख फिर से निर्धारित करने का आग्रह किया था।
लालबियाकथंगा ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर मतगणना की तारीख को शनिवार और रविवार के अलावा किसी अन्य दिन तय करने का आग्रह किया था।
लालबियाकथंगा ने इस साल मई में आइजोल से मणिपुर के चुराचांदपुर तक 300 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने के लिए 10 दिनों तक पदयात्रा की थी। उन्होंने यह पदयात्रा जातीय संघर्ष से प्रभावित राज्य में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए की थी।
भाषा अमित मनीषा
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