रायपुर, 21 सितंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में हिंसा और पुलिस हिरासत में मौत के विरोध में विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा शनिवार को राज्यव्यापी बंद को मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली।
राज्य में बंद के दौरान आवश्यक सेवाओं पर कोई असर नहीं हुआ तथा अधिकांश हिस्सों में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
कांग्रेस ने राज्य में कथित बिगड़ती कानून-व्यवस्था तथा कबीरधाम जिले में हिंसा और पुलिस हिरासत में मौत की घटना के बाद इस बंद का आह्वान किया था।
बंद के समर्थन में सुबह से ही पार्टी के कार्यकर्ता मोटरसाइकिलों पर सवार होकर दुकान मालिकों और व्यापारियों से अपने प्रतिष्ठान बंद करने का अनुरोध करने लगे थे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और पार्टी कार्यकर्ताओं ने शनिवार को राजधानी रायपुर में मोटरसाइकिल रैली निकाली और व्यापारियों से अपनी दुकानें बंद करने का अनुरोध किया।
छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स ने बंद का समर्थन नहीं किया। हालांकि राज्य के अधिकांश हिस्सों में इसका मिलाजुला असर रहा। दोपहर बाद अधिकांश जगहों पर दुकानें खुल गई थी।
बैज ने आरोप लगाया कि रोजाना हो रही आपराधिक घटनाओं से पूरे राज्य में भय का माहौल है।
उन्होंने कहा, ”राज्य सरकार आम आदमी को सुरक्षित माहौल देने में विफल रही है। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। लोगों को जिंदा जलाया जा रहा है, महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी हैं। पुलिस अधीक्षक (एसपी) और कलेक्टर के दफ्तर जलाए जा रहे हैं। राज्य में महज नौ महीने में दो कलेक्टर और दो एसपी को सजा के तौर पर हटाया और निलंबित किया गया है। उसके बाद भी सरकार अपनी आत्मप्रशंसा में लगी हुई है।”
कांग्रेस नेता कहा कि गृह मंत्री को इन सभी घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए तथा मुख्यमंत्री को जवाबदेही तय करनी चाहिए तथा गृह मंत्री विजय शर्मा को बर्खास्त करना चाहिए।
भाषा संजीव नोमान
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