कोलकाता/जलपाईगुड़ी : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल में नगर निगम चुनाव के दौरान हुई हिंसा के विरोध में सोमवार को बंद के दौरान सुबह राज्य में वाहनों की आवाजाही सामान्य रही और दक्षिण बंगाल में अधिकतर व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुले रहे, जबकि भाजपा कार्यकर्ताओं ने कुछ क्षेत्रों में रेलवे पटरियों और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया.
पश्चिम बंगाल में रविवार को 107 नगरपालिकाओं के लिए हुए चुनाव में हिंसा और अनियमितता के मामले सामने आये थे.
West Bengal | BJP workers protesting on the railway track at Hooghly railway station.
The party called a 12-hour statewide bandh against alleged rigging and violence in the state's civic polls pic.twitter.com/8tXdlR7e9c
— ANI (@ANI) February 28, 2022
भाजपा कार्यकर्ता हुगली स्टेशन पर रेलवे की पटरियों पर बैठ गए और पूर्व मेदिनीपुर जिले में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र में सड़कों को जाम किया.
Balurghat | BJP workers clash with Police personnel during protests against alleged violence in state's civic polls
Our workers were protesting peacefully, they are beaten up. Police is playing the role of a cadre for TMC, this is against democracy: Sukanta Majumdar, WB BJP Pres pic.twitter.com/0oAG6Mp64Y
— ANI (@ANI) February 28, 2022
पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, हमारे कार्यकर्ता शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कर रहे थे, उनकी पिटाई की जा रही है. टीएमसी के लिए कैडर की भूमिका निभा रही है पुलिस, यह लोकतंत्र के खिलाफ है.
भगवा पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने सरकारी बसों को रोकने का भी प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया.
उत्तरी बंगाल में, बंद के आह्वान को अच्छी प्रतिक्रिया मिली..जहां अधिकतर दुकानें बंद रहीं और सड़कों से वाहन नदारद रहे. सरकारी बसें सड़क पर नजर आईं, लेकिन में यात्रियों की संख्या बेहद कम रही. निजी व्यावसायिक वाहनों के सड़कों से नदारद रहने से कार्यालय जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
भाजपा ने पिछले साल के विधानसभा चुनाव में उत्तरी बंगाल में अच्छा प्रदर्शन किया था.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल में नगर निगम चुनाव के दौरान हुई व्यापक हिंसा के विरोध में सोमवार को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक बंद का आह्वान किया है. पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख ने इस हिंसा को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया था.
पुलिस ने दावा किया है कि चुनाव के दौरान कोई बड़ी हिंसा नहीं हुई थी, केवल ‘कुछ छिटपुट घटनाएं’ हुईं थी.
व्यापक हिंसा के आरोपों से नाराज राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य के चुनाव आयुक्त सौरभ दास से सोमवार को स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है.
यह भी पढ़ें : पश्चिम बंगाल में गुरुलिया निकाय चुनाव से पहले BJP के 3 नेता TMC में शामिल, भाजपा में जाने को बताया गलती