नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) सरकार ने बुधवार को कहा कि ‘मिशन शक्ति’ को दो उप योजनाओं- ‘सम्बल’ और ‘सामर्थ्य’ में बांट दिया गया है तथा ‘नारी अदालत’ के तौर पर नयी पहल को जोड़ा गया है जिसका मकसद महिलाओं को विवादों के वैकल्पिक समाधान तथा समाज और परिवारो में लैंगिक न्याय मुहैया कराना है।
मिशन शक्ति महिलाओं के लिये एक एकीकृत नागरिक-केंद्रित जीवनपर्यन्त समर्थन योजना है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘मिशन शक्ति की दो उप-योजनायें हैं – सम्बल और सामर्थ्य। सम्बल उप-योजना महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षण के लिये है, जबकि सामर्थ्य उप-योजना महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये है। सम्बल उप-योजना में एकल केंद्र (ओएससी), महिला हेल्पलाइन (181-डब्लूएचएल) और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी मौजूदा योजनायें शामिल हैं।’’
इसने कहा, ‘‘इसके अलावा नारी अदालतें जैसा नया घटक जोड़ा गया है, जो महिलाओं को विवादों के वैकल्पिक समाधान तथा समाज और परिवारो में लैंगिक न्याय मुहैया करायेगा।’’
मंत्रालय के अनुसार, सामर्थ्य उप-योजना में महिलाओं का सशक्तिकरण शामिल है। इसके तहत उज्ज्वला, स्वाधार गृह और कामकाजी महिला हॉस्टल जैसी मौजूदा योजनाओं को रखा गया है।
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