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शनिवार, 31 मई, 2025
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लापता मंदबुद्धि महिला को सात साल बाद परिजन से मिलवाया, मृत मान चुके थे वे

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बरेली (उप्र), 27 मई (भाषा) कासगंज के गद्दयान मुहल्ले के रहने वाले मोहम्मद ताहिर के घर में खुशी का माहौल है। हो भी क्यों न, आखिर सात साल पहले लापता हुई अपनी जिस बहन को उन्होंने मृत मान लिया था वह बरेली के एक मनोचिकित्सक की मदद से परिवार से आ मिली है।

मानसिक रूप से कमजोर 55 वर्षीय शबाना सात साल पहले अपने किसी रिश्तेदार के यहां से लापता हो गयी थी। तमाम कोशिशों और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने के बावजूद जब वह नहीं मिली तो परिजन ने उसे मृत मान लिया था और मौत के बाद होने वाली रस्में भी अदा कर चुके थे। मगर सात साल बाद शबाना अब अपने परिवार के साथ है। इसका श्रेय काफी हद तक बरेली के मनोचिकित्सक शैलेश शर्मा को जाता है।

शैलेश शर्मा का कहना है कि उन्हें 12 दिसंबर 2018 को शबाना पीलीभीत के अमरिया इलाके में मिली थी। उप जिलाधिकारी के आदेश पर उसे नारी निकेतन बरेली भेजा गया था। उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए 22 जून 2022 को उसे बरेली के मानसिक चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था।

मनोचिकित्सक ने बताया कि मानसिक चिकित्सालय के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉक्टर आलोक शुक्ला की देखरेख और ‘मनोसमर्पण’ संस्था के प्रयासों से शबाना की स्थिति में सुधार हुआ।

संस्था के संस्थापक शैलेश शर्मा ने बताया कि उन्होंने नियमित काउंसलिंग की जिसके बाद शबाना ने अपने परिवार के बारे में बताया।

शर्मा के अनुसार शबाना से मिली जानकारी के आधार पर कासगंज के गद्दयान मोहल्ले की जामा मस्जिद गली में रहने वाले मोहम्मद ताहिर और खालिद से सम्पर्क किया गया। दोनों को जब अपनी बहन के जिंदा होने की खबर मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गत रविवार को आखिरकार शबाना को उसके परिजन को सौंप दिया गया।

बरेली पहुंचे खालिद ने बताया, ‘‘हमारी बहन मानसिक रूप से बीमार थी। वह अचानक लापता हो गई। हमने बहुत तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। हमने तो उसके मिलने की उम्मीद तक छोड़ दी थी। मनोसमर्पण संस्था और अस्पताल की टीम ने हमें वो खुशी दी है जिसकी हमने कल्पना भी नहीं की थी।’’

बरेली मानसिक चिकित्सालय की निदेशक डॉक्टर पुष्पा पंत त्रिपाठी ने बताया कि अब जो भी मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं उन्हें परिजनों को सौंपा जाएगा।

उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर पुलिस और सामाजिक संस्थाओं का सहयोग भी लिया जाएगा।

भाषा सं. सलीम राजकुमार

राजकुमार

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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