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मंगलवार, 10 जून, 2025
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‘मिस वर्ल्ड’ खिताब की दावेदार सुंदरियों ने तेलंगाना की कला और विरासत का किया दीदार

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(तस्वीरों के साथ)

हैदराबाद, 22 मई (भाषा) ‘मिस वर्ल्ड 2025’ प्रतियोगिता की प्रतिभागियों को बृहस्पतिवार को यहां सरकारी कला एवं शिल्प गांव ‘शिल्पारामम’ की यात्रा के दौरान तेलंगाना की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिली और इस दौरान उन्होंने मिट्टी के बर्तन बनाने, चित्रकारी और लोक नृत्य जैसी पारंपरिक कलाओं का आनंद लिया।

हैदराबाद के व्यस्त आईटी हब के मध्य स्थित शिल्पारामम एक अनूठा शिल्प गांव है, जिसकी परिकल्पना भारत की विविध शिल्प विरासत को संरक्षित करने और उसका उत्सव मनाने के लिए की गई है।

पारंपरिक कला, शिल्प, लोकगीत और सांस्कृतिक प्रदर्शन के लिए एक आश्रय स्थल के रूप में निर्मित यह स्थल ग्रामीण आकर्षण और पर्यावरणीय वास्तुकला का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण प्रस्तुत करता है।

‘मिस वर्ल्ड’ खिताब की प्रतियोगियों ने कारीगरों के स्टॉल का अवलोकन किया तथा विलेज म्यूजियम का भ्रमण किया, जिसमें पारंपरिक भारतीय घरों और ग्रामीण जीवन शैली के आदमकद मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं।

सुबह ठंडी-ठंडी हवा में स्थानीय कलाकारों ने बांसुरी की मधुर धुन और मृदंगम की प्रस्तुतियों के साथ प्रतिभागियों का मन मोह लिया।

कुछ प्रतिभागियों ने मिट्टी के बर्तन बनाने एवं चित्रकला में अपना हाथ आजमाया और कुछ ने भगवान कृष्ण एवं उनकी गोपियों की वेशभूषा में सजे बच्चों से बातचीत की।

अन्य प्रतियोगियों ने चेरियल मुखौटा चित्रकला की जटिल प्रक्रिया को समझने की कोशिश की जो तेलंगाना की एक ज्वलंत और दुर्लभ लोक-कला परंपरा है।

कुछ प्रतिभागी प्राकृतिक रेशों का उपयोग करके टोकरी बुनने और पीढ़ियों से चली आ रही सदियों पुरानी तकनीकों को सीखती नजर आईं। करीब 10-15 मिनट के इन सत्रों ने प्रतिभागियों को भारत की शिल्प विरासत से एक दुर्लभ, स्पर्शनीय संबंध प्रदान किया और प्रत्येक माध्यम को परिभाषित करने वाली सटीकता, धैर्य और कलात्मकता पर प्रकाश डाला।

कई सुंदरियां स्थानीय महिलाओं के साथ कोलाटम नामक लोक कला पर नृत्य किया, जो आमतौर पर मंदिर के उत्सवों के दौरान किया जाता है।

इस दौरे का सबसे भावुक क्षण था ‘बतुकम्मा’ में संक्षिप्त लेकिन आनंदपूर्ण भागीदारी, जो तेलंगाना की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न अंग है।

प्रतिभागियों ने सावधानीपूर्वक सजाए गए फूलों के ढेर के चारों ओर पारंपरिक नृत्य में भाग लिया और नारीत्व और समुदाय के सार का जश्न मनाया।

इस दौरे को एक सार्थक आयाम देते हुए, प्रतिभागियों ने महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की सदस्यों के साथ बातचीत की, जिन्हें स्वदेशी शिल्प पर केन्द्रित कौशल-आधारित आजीविका के माध्यम से सशक्त बनाया गया है।

एक संक्षिप्त प्रस्तुति में पारंपरिक शिल्प को बनाए रखने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महिलाओं के नेतृत्व वाली इन पहलों के प्रभाव को प्रदर्शित किया गया।

इस अवसर पर प्रतियोगियों को सराहना और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के प्रतीक के रूप में हस्तनिर्मित उपहार भेंट किए गए।

विभिन्न देशों की प्रतिभागियों को विशिष्ट पोशाक पहने लोक गायकों ‘हरिदासुस’ से भी परिचित कराया गया जो फसल उत्सव ‘संक्रांति’ के दौरान भक्ति गीत गाते हैं।

बाद में, मिस वर्ल्ड प्रतियोगियों ने यहां निजाम काल के महल विक्टोरिया होम में तेलंगाना सरकार के सामाजिक कल्याण आवासीय विद्यालय का दौरा किया और वहां छात्रों के साथ बातचीत की।

प्रतियोगियों ने विद्यार्थियों को बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। वे इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विद्यार्थियों के साथ शामिल हुईं।

‘मिस वर्ल्ड 2025’ प्रतियोगिता 10 मई को हैदराबाद में एक भव्य समारोह के साथ शुरू हुई थी और यह 31 मई को समाप्त होगी। इस आयोजन का लाभ उठाते हुए तेलंगाना सरकार ने एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की ताकि राज्य को पर्यटन और निवेश के केंद्र के रूप में प्रदर्शित किया जा सके।

प्रतिभागी प्रतिष्ठित चारमीनार, मुलुगु जिले में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल रामप्पा मंदिर, यादगिरिगुट्टा में प्रसिद्ध नरसिंह मंदिर और महबूबनगर जिले में 700 साल पुराने बरगद के पेड़ समेत राज्य भर के प्रमुख आकर्षक स्थलों की यात्रा कर चुकी हैं।

भाषा धीरज सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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