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शुक्रवार, 16 मई, 2025
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मिस आयरलैंड जैस्मिन गेरहार्ट ने धैर्य को अपनी सफलता की कुंजी बताया

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बेंगलुरु/हैदराबाद, 16 मई (भाषा) मिस आयरलैंड जैस्मिन गेरहार्ट धैर्य और बड़े सपने देखने का महत्व अच्छी तरह जानती हैं जिनके दम पर वह अपने तीसरे प्रयास में ‘ब्यूटी क्वीन’ बन गईं।

उनका कहना है कि उनके लिए यह उचित होगा कि वह दूसरों को भी बड़े सपने देखने में मदद करें।

गेरहार्ट ने ‘पीटीआई वीडियो’ को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैंने इस सपने को पूरा करने के लिए तीन बार प्रयास किया। मैंने 17 साल की उम्र में प्रतिस्पर्धा में शामिल हुई, फिर 24 साल की उम्र में और अब 25 साल की उम्र में जीत हासिल की। ​​लेकिन मैं हमेशा कहती हूं, जीवन में धैर्य ही सफलता की कुंजी है। क्योंकि अगर आप जीवन में असफल होते हैं, तो मुझे लगता है कि यह सफलता के अंतिम क्षण को और अधिक फलदायी बनाता है। आप देखिए, आप जीवन में जो चाहते हैं उसके लिए काम करते रहते हैं, और यह हकीकत बन जाता है।’’

इन दिनों हो रही 72वें मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के लिए गेरहार्ट की ‘ब्यूटी विद अ परपज’ (बीडब्ल्यूएपी) परियोजना केप टाउन से लेकर कोलकाता और डबलिन तक के बच्चों को बड़े सपने देखने का मौका देगी। वह इसे ‘ड्रीम इन ए बॉक्स’ कहती हैं। इस बॉक्स में ‘उचित सामग्री’ मौजूद है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे बॉक्स के अंदर मेरी अपनी किताब है। इसका नाम ‘सनी एंड द सेफ हार्बर’ है, और यह एक बच्चे के रूप में सुरक्षित जगह खोजने के बारे में है। मुझे लगता है कि आयरलैंड में एक युवा व्यक्ति के लिए – या दुनिया में कहीं भी – अपनी सुरक्षित जगह खोजना बहुत महत्वपूर्ण है। और यही इस किताब का सार है।’’

उन्होंने कहा कि बॉक्स में अन्य चीजें भी हैं, जो एक बच्चे के सपने देखने के अधिकार की पुष्टि करती हैं।

गेरहार्ट ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर इस परियोजना का वर्णन करते हुए लिखा है, ‘‘क्योंकि जब आप किसी बच्चे को सपने देखने, कल्पना करने, सृजन करने का मौका देते हैं, तो सबसे करिश्माई चीजें सामने आने लगती हैं।’’

गेरहार्ट ने कहा कि वह अपने मामले में एक-एक करके उन सभी चीजों को पूरा कर रही है जिसे उन्होंने छोटी उम्र में सूचीबद्ध किया था और मिस आयरलैंड बनना उनमें से एक था।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने परिवार में कॉलेज जाने वाली और स्नातक करने वाली पहली व्यक्ति हूं, यह एक और सपना सच होने जैसा है।’’ गेरहार्ट ने कानून और मानवाधिकारों का अध्ययन किया है।

गेरहार्ट ने कहा कि उनके विचार में गरीबी का अंत करने की कुंजी शिक्षा है।

भाषा संतोष मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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