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शुक्रवार, 23 मई, 2025
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मिसरी ने बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल को आतंकवादी हमलों से पाकिस्तान के संबंधों की जानकारी दी

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नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) भारत के रुख से अवगत कराने के लिए विभिन्न देशों की यात्रा पर जाने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल, अमेरिका में 9/11 हमले सहित आतंकवाद के साथ पाकिस्तान के संबंधों को रेखांकित करेंगे और बताएंगे कि हालिया सैन्य संघर्ष पहलगाम आतंकवादी हमले के कारण शुरू हुआ था, न कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के कारण, जैसा कि इस्लामाबाद ने आरोप लगाया है।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने शुक्रवार को यहां सात संसदीय प्रतिनिधिमंडलों में से चार को भारत के संदेश की जानकारी दी। प्रतिनिधियों ने कहा कि वे पहलगाम आतंकवादियों के भारत के साथ संबंधों को रेखांकित करके भारत को सैन्य कार्रवाई की शुरुआत करने वाले के रूप में पेश करने के पाकिस्तानी विमर्श को ध्वस्त करने का प्रयास करेंगे।

मिसरी द्वारा जानकारी देने के बाद कुछ सांसदों ने बताया कि पहलगाम में 26 नागरिकों, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे, की हत्या में शामिल चार आतंकवादियों में से दो पाकिस्तानी थे।

पाकिस्तान द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित रखने के भारत के निर्णय का विरोध करने के बाद, प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों को यह संदेश देंगे कि मित्रता और सद्भावना बनाए रखना इस समझौते की शर्त थी, जिसका पाकिस्तान ने भारत में आतंकवादी हमलों में अपनी निरंतर संलिप्तता से उल्लंघन किया है।

मिसरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस बयान का उल्लेख किया कि ‘‘खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।’’

विदेश सचिव ने मंगलवार को तीन प्रतिनिधिमंडलों को जानकारी दी तथा वे पहले से ही अपने गंतव्यों पर रवाना हो चुके हैं।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में अमेरिका का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडल द्वारा अलकायदा के साथ पाकिस्तान के संबंधों को रेखांकित किए जाने की संभावना है, जो अमेरिकी में 9/11 के हमले सहित दुनिया भर में कई आतंकवादी हमलों में संलिप्त था।

उन्होंने बताया कि अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में मिला था।

सूत्रों ने बताया कि अन्य प्रतिनिधिमंडल भी इस बिंदु को रेखांकित करेंगे, जिनमें कई इस्लामिक देश भी शामिल हैं जो आतंकवादी घटनाओं के शिकार रहे हैं।

उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों को उनके द्वारा दौरा किए जा रहे देशों से संबंधित विशिष्ट दस्तावेज उपलब्ध कराए गए हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दोनों देशों की ओर से सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए मध्यस्थता करने के दावे के बारे में पूछे जाने पर एक सांसद ने कहा कि विभिन्न देशों ने दोनों देशों के प्रतिनिधियों से बात की होगी, लेकिन यह निर्णय पाकिस्तान के अनुरोध पर दोनों डीजीएमओ (सैन्य कार्रवाई महानिदेशक) के स्तर पर द्विपक्षीय रूप से लिया गया था।

एक सांसद ने कहा, ‘‘पाकिस्तान यह झूठी कहानी गढ़ रहा है कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के साथ संघर्ष की शुरुआत की। लेकिन हमारा कहना यह है कि हमारा सैन्य अभियान 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के प्रतिशोध में था। हमने आतंकवादी स्थलों पर सटीक हमले किए, न कि सैन्य ठिकानों या नागरिकों पर।’’

उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान ने भारतीय शहरों और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का प्रयास किया, तब भारतीय सशस्त्र बलों ने जवाब दिया।

मिसरी से जब एक सदस्य ने भारतीय प्रतिष्ठानों पर हमले के पाकिस्तानी दावे पर उनकी संभावित प्रतिक्रिया के बारे में पूछा तो विदेश सचिव ने सशस्त्र बलों के इस बयान पर जोर दिया कि भारतीय पायलट सुरक्षित लौट आए हैं।

विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों को उनके द्वारा दौरा किए जाने वाले देशों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक से पहले अधिक विशिष्ट जानकारी दी जाएगी।

थरूर ने कहा कि वे सरकारी प्रतिनिधियों, थिंक टैंक, सांसदों और मीडिया से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इसके पीछे विचार है कि हम प्रत्येक देश में सरकार, जनता को इस मामले पर अवगत कराएं। हम अपना संदेश पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।’’

पश्चिमी यूरोप जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत शांति और कूटनीति चाहता है, लेकिन अगर भारतीयों पर हमला किया गया तो कड़ा जवाब दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 70 वर्षों में पाकिस्तान का इतिहास अपने आप में सब कुछ कहता है और दुनिया अब भारत की बात सुनने को तैयार है। भारत एक जिम्मेदार, लोकतांत्रिक राष्ट्र है। हमारे देश में फैसले लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों द्वारा लिए जाते हैं, सेना द्वारा नहीं।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के कारण जम्मू-कश्मीर के लोगों की पीड़ा को रेखांकित करेंगे।

प्रतिनिधिमंडल विश्व के प्रमुख देशों की राजधानियों में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के प्रति बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने के भारत के संकल्प से अवगत कराएंगे।

शिवसेना नेता श्रीकांत शिंदे, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता संजय कुमार झा और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता के. कनिमोझी के नेतृत्व में तीन प्रतिनिधिमंडल पहले ही भारत का संदेश संयुक्त अरब अमीरात, जापान और रूस तक पहुंचाने के लिए पहुंच चुके हैं।

मिसरी ने थरूर, प्रसाद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) नेता सुप्रिया सुले और भाजपा नेता बैजयंत पांडा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडलों को विभिन्न देशों को दिए जाने वाले संदेश के बारे में जानकारी दी।

थरूर नीत प्रतिनिधिमंडल गुयाना, कोलंबिया, पनामा, ब्राजील और अमेरिका की यात्रा करेगा। कांग्रेस के तिरुवंनतपुरम से लोकसभा सदस्य थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में शांभवी, (लोक जनशक्ति पार्टी- राम विलास), सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा), जीएम हरीश बालयोगी (तेलुगु देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी (भाजपा), भुवनेश्वर कलिता (भाजपा), मिलिंद देवड़ा (शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (भाजपा) और पूर्व राजनयिक तरनजीत संधू शामिल हैं।

प्रसाद नीत प्रतिनिधिमंडल में दग्गुबत्ती पुरंदेश्वरी (भाजपा), प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना-उबाठा), गुलाम नबी खटाना (मनोनीत), अमर सिंह (कांग्रेस), समिक भट्टाचार्य (भाजपा), पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर और पूर्व राजनयिक पंकज सरन शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय संघ, इटली और डेनमार्क की यात्रा करेगा।

सुले नीत प्रतिनिधिमंडल में राजीव प्रताप रूडी (भाजपा), विक्रमजीत साहनी (आम आदमी पार्टी), मनीष तिवारी (कांग्रेस), अनुराग ठाकुर (भाजपा), लावु श्रीकृष्ण देवरायलू (तेदेपा), पूर्व मंत्री मुरलीधरन और आनंद शर्मा और पूर्व राजनयिक सैयद अकबरुद्दीन शामिल है और यह मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा करेगा।

पांडा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में निशिकांत दुबे, फंगनन कोन्याक, रेखा शर्मा (सभी भाजपा), असदुद्दीन ओवैसी (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन), सतनाम संधू (मनोनीत), पूर्व मंत्री गुलाम नबी आज़ाद और पूर्व विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला शामिल हैं जो सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया की यात्रा करेंगे।

भाषा धीरज आशीष

आशीष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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