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शनिवार, 24 मई, 2025
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शिक्षा मंत्रालय ने छठी से आठवीं कक्षा के लिए बस्ता रहित दिवसों को लेकर दिशानिर्देश अधिसूचित किया

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नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने छठवीं से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए बस्ता रहित दिवस के क्रियान्वयन और विद्यालयों में पढ़ायी को अधिक आनंदमय, अनुभवात्मक और तनाव मुक्त बनाने के लिए दिशानिर्देश सोमवार को अधिसूचित किए।

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की इकाई पंडित सुंदरलाल शर्मा (पीएसएस) केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान द्वारा विकसित दिशानिर्देश, नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 की चौथी वर्षगांठ पर जारी किए गए।

एनईपी, 2020 में सिफारिश की गई थी कि कक्षा 6-8 के सभी छात्र 10-दिवसीय बस्ता रहित अवधि में भाग लें।

दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि 10 बस्ता रहित दिनों के पीछे का विचार उन्हें पढ़ने-पढ़ाने की प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग बनाना है।

इसमें कहा गया है कि यह न केवल किताबी ज्ञान और ज्ञान के अनुप्रयोग के बीच की सीमाओं को कम करेगा, बल्कि बच्चों को कार्य क्षेत्रों में कौशल आवश्यकताओं से भी परिचित कराएगा, जिससे उन्हें भविष्य के कैरियर पथ को तय करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक छात्र कक्षा 6-8 के दौरान एक मनोरंजक पाठ्यक्रम का लाभ लेगा, जिसमें महत्वपूर्ण व्यावसायिक शिल्प जैसे काष्ठकला, बिजली का काम, धातु का काम, बागवानी, मिट्टी के बर्तन बनाना आदि की समझ और व्यावहारिक अनुभव दिया जाएगा, जैसा कि राज्यों और स्थानीय समुदायों द्वारा तय किया जाएगा और स्थानीय कौशल आवश्यकताओं के अनुसार निर्धारित किया जाएगा।’

मंत्रालय ने कहा कि सभी छात्र कक्षा 6-8 के दौरान किसी समय 10-दिवसीय बस्ता रहित दिवस में भाग लेंगे, जिस दौरान वे स्थानीय व्यावसायिक विशेषज्ञों जैसे बढ़ई, माली, कुम्हार आदि के साथ इंटर्नशिप करेंगे।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक संदेश में कहा, ‘एनईपी, 2020 की चार साल की यात्रा, शिक्षार्थियों की नयी पीढ़ी को पोषित करने के लिए देश की शिक्षा प्रणाली में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के बारे में रही है। एनईपी- 2020, सीखने के परिदृश्य को बदलने, आबादी को सशक्त बनाने और सामाजिक-आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने की आशा के प्रतीक के रूप में खड़ी है।’

उन्होंने कहा, ‘एनईपी के क्रियान्वयन ने सीखने को और अधिक जीवंत बना दिया है और देश की शिक्षा को और अधिक भविष्योन्मुखी, जमीनी, वैश्विक और परिणामोन्मुखी बनाने में मार्गदर्शन किया है।’

भाषा अमित संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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